Hindi NewsBihar NewsGive affidavit CEC will not go abroad after retirement Tejashwi retort on asking for affidavit from political parties
हलफनामा दें, रिटायरमेंट के बाद CEC विदेश नहीं..., सियासी दलों से शपथ पत्र मांगने पर तेजस्वी का पलटवार

हलफनामा दें, रिटायरमेंट के बाद CEC विदेश नहीं..., सियासी दलों से शपथ पत्र मांगने पर तेजस्वी का पलटवार

संक्षेप: चुनाव आयोग पर आरोप लगाने को लेकर सियासी दलों से शपथ पत्र मांगने वाले सीईसी ज्ञानेश कुमार पर तेजस्वी यादव ने पलटवार किया है। उन्होने कहा कि सीईसी को यह एफिडेविट देना चाहिए कि वे रिटायर होने के बाद कोई लाभ का पद नहीं लेंगे और विदेश नहीं भागेंगे।

Mon, 18 Aug 2025 11:09 PMsandeep लाइव हिन्दुस्तान, पटना
share Share
Follow Us on

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा है कि राजनीतिक दलों से शपथ पत्र मांगने वाले मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार को ही हलफनामा देना चाहिए। सोमवार को जारी बयान में तेजस्वी ने कहा कि सीईसी को यह एफिडेविट देना चाहिए कि वे रिटायर होने के बाद मोदी सरकार की ओर से दिया जाना वाला कोई लाभ का पद नहीं लेंगे। उन्हें इसका भी शपथ पत्र देना चाहिए कि वे सेवानिवृत्ति के बाद देश छोड़कर विदेश नहीं भागेंगे।

LiveHindustan को अपना पसंदीदा Google न्यूज़ सोर्स बनाएं – यहां क्लिक करें।

तेजस्वी ने कहा कि चुनाव आयोग की सच्चाई सामने आ गई है। आरोप लगाया कि चुनाव आयोग बेईमानी कर रहा है। सीईसी के पास कोई जवाब नहीं है। सीईसी लगातार बचकाना उदाहरण दे रहे थे। उनसे बेहतर एक्सक्यूज तो नर्सरी के बच्चे दे सकते हैं। वे केवल रटारटाया बात करते रहे। ऐसा प्रतीत होता है मानो पीएमओ और गृह मंत्री अमित शाह ने जो लिखकर दिया था, सीईसी उसी को दुहराते रहे।

ये भी पढ़ें:तेजस्वी लाइन से भटक गए, समय बर्बाद कर रहे; वोटर अधिकार यात्रा पर बोले तेज प्रताप
ये भी पढ़ें:तेजस्वी से मिले पूर्व विधायक बोगो सिंह; जेडीयू छोड़ आरजेडी में जाने की चर्चा
ये भी पढ़ें:चुनाव आयोग का दावा- SIR पर दलों की आपत्ति नहीं, तेजस्वी बोले- रोज शिकायत कर रहे
बिहार चुनाव 2025 की ताज़ा ख़बरों के लिए यहां क्लिक करें।

ऐसा लग रहा है मानो चुनाव आयोग चंडीगढ़ मेयर चुनाव में आरओ रहे अनिल मसीह से भी आगे जाना चाहता है। आज का चुनाव आयोग भाजपा के इशारे पर काम कर रहा है। हमें उनकी बातों पर हंसी आ रही है। उनके पास जायज सवालों का जवाब नहीं है। चुनाव आयोग की विश्वसनीयता बचाने की जिम्मेदारी अब अधिकारियों की नहीं बल्कि जनता की है।