नैतिक मूल्यों को धारण करते हुए किसी ध्येय की प्राप्ति ही धर्म है: कुलपति
फोटो- कार्यक्रम को संबोधित करते कुलपति। टिकारी, निज संवाददाता दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्विद्यालय (सीयूएसबी) के ऐतिहासिक अध्ययन एवं पुरातत्व विभाग एवं
दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्विद्यालय (सीयूएसबी) के ऐतिहासिक अध्ययन और पुरातत्व विभाग व राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) की ओर से संयुक्त रूप से वीर बाल दिवस आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत शहीद साहबजादों के चित्रों पर पुष्पांजलि के साथ हुई। सीयूएसबी के कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह ने साहबजादे फतेह सिंह और साहबजादे जोरावर सिंह के सर्वोच्च बलिदान के महत्व को रेखांकित किया।
कुलपति ने कहा कि नैतिक मूल्यों को धारण करते हुए किसी ध्येय की प्राप्ति ही धर्म है। साहबजादों के बलिदान को इन्हीं धर्म और मूल्यों की रक्षा के संदर्भ में देखा जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि बच्चों में इस तरह के नैतिक साहस पारिवारिक शिक्षा से ही आ सकता है। कुलपति ने जीवन दृष्टि, नैतिक मूल्य, कुटुम्ब-प्रबोधन, शिक्षा और त्याग के बारे में विस्तार से बातें कहीं।
इतिहास विभाग के सह-प्राध्यापक डॉ. प्रीति अनिल खांदारे ने इस शहादत से प्रेरणा लेते हुए आगे बढ़ने का आह्वाहन किया। धन्यवाद ज्ञापन राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. पारिजात प्रधान ने किया। इस अवसर पर प्रो. रविकांत, प्रो. रामाशीष यादव, डॉ. हेमंत कुमार, डॉ. मंगलेश कुमार मंगलम, डॉ. प्रिय रंजन, डॉ. तरुण कुमार त्यागी, डॉ. प्रज्ञा गुप्ता एवं डॉ. जितेंद्र सिंह सहित अनेक शिक्षक, शोधार्थी, एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। मंच का संचालन शोधार्थी नितीश कुमार हलचल एवं अमृत राज ने किया।
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