सीयूएसबी में विकसित भारत युवा संपर्क कार्यक्रम आयोजित
दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय ने विकसित भारत युवा संपर्क कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें 160 छात्रों ने भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान, एनएसएस के अधिकारी ने कहा कि युवा 2047 तक विकसित भारत का...

दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) की राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) शाखा ने विकसित भारत की ओर भारत की यात्रा को आकार देने में युवाओं के महत्व और भूमिका पर प्रकाश डालने के लिए विकसित भारत युवा संपर्क कार्यक्रम (वीबीवाईसीपी) का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में लगभग 160 पंजीकृत छात्रों ने भाग लिया। एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. पारिजात प्रधान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कथन को उद्धृत करते हुए कहा कि युवा ही स्वतंत्रता के सौ वर्ष बाद, 2047 तक विकसित भारत के स्वप्न को साकार करेंगे। उन्होंने इस लक्ष्य को प्राप्त करने में महिलाओं और किसानों की भूमिका पर भी प्रकाश डाला और सांस्कृतिक शहरीकरण के महत्व पर बल दिया।
सामाजिक विज्ञान संकाय के डीन प्रो. प्रणव कुमार ने 1947 से भारत की प्रगति पर विचार करते हुए, उन्होंने जीवन प्रत्याशा, शिशु और मातृ मृत्यु दर में सुधार, मलेरिया और पोलियो जैसी बीमारियों के उन्मूलन और खाद्य सुरक्षा में प्रगति का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि भारत अब 4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था है। युवा आइकन अभिलाष कुमार ने विकसित भारत 2047 के विजन की व्याख्या करते हुए अपना व्याख्यान शुरू किया, जो पंच प्राण और 11 संकल्पों पर आधारित है। पंच प्राणों में विकसित भारत, औपनिवेशिक मानसिकता का उन्मूलन, संस्कृति पर गर्व, कर्तव्य की भावना और विविधता में एकता शामिल हैं। जिन 11 संकल्पों पर प्रकाश डाला गया उनमें से कुछ क्रमशः थे: कर्तव्य की पूर्ति, सबका साथ सबका विकास, भ्रष्टाचार के प्रति शून्य सहिष्णुता और महिलाओं के नेतृत्व वाला विकास। इतिहास अध्ययन विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. अनिल, एनएसएस के समन्वयक प्रो. बुधेंद्र सिंह, डॉ. रिंकी मौजूद रहें।
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