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बालक सौरभ ने 36 घंटे के उपवास के बाद दिया अघ्र्य

शेरघाटी में बुढ़िया नदी के घाट पर हजारों छठव्रतियों के साथ आठ साल के सौरभ ने भी सोमवार की सुबह उदयाचल भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया। सौरभ ने लगातार दूसरी बार 36 घंटे का अपना निर्जला व्रत पूरा कर लिया।

बालक सौरभ ने 36 घंटे के उपवास के बाद दिया अघ्र्य
Newswrapहिन्दुस्तान टीम,गयाMon, 20 Nov 2023 01:07 PM
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शेरघाटी में बुढ़िया नदी के घाट पर हजारों छठव्रतियों के साथ आठ साल के सौरभ ने भी सोमवार की सुबह उदयाचल भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया। सौरभ ने लगातार दूसरी बार 36 घंटे का अपना निर्जला व्रत पूरा कर लिया। चौथी कक्षा में पढ़ने वाला सौरभ अपने पिता संतोष यादव और माता बेबी देवी के साथ छठ घाट पर आया था। मूलरूप से बांकेबाजार के भक्तौरी गांव के रहने वाले प्रसन्नचित सौरभ ने कहा कि पिछली दफा की तरह इस वर्ष भी उसने समूचे विधि विधान के साथ व्रत रखा था और रात के समय जमीन पर ही सोया था। निर्जला व्रत पूरा करने के बावजूद वह भीतर से बहुत शक्ति महसूस कर रहा है। सौरभ के पिता संतोष यादव एक कारोबारी हैं और माता गृहिणी। सौरभ का परिवार कुछ वर्षों से शेरघाटी के नई बाजार में ही रहता है।

इधर लगातार तेईस सालों से छठ मइया की अराधना करने वाली नई बाजार की डॉली देवी कहती हैं कि दो साल के कोरोना काल में भी उसने छठ व्रत से मुंह नहीं मोड़ा था। इस व्रत से उसके परिवार की खुशहाली जुड़ी है। छठव्रती डॉली देवी की पुत्री अक्षरा सिंह कहती है कि छठ व्रत के दौरान मां को मदद कर वह काफी अच्छा महसूस करती है।

दरअसल महाभारतकालीन छठ पूजा संतान की खुशहाली के लिए महिलाएं करती हैं। मान्यता है कि वनवास से लौटने के बाद माता सीता ने भी मुदगल ऋषि के आश्रम में निर्जला व्रत कर भगवान भास्कर को अघ्र्य दिया था।

शेरघाटी में भी छठव्रतियों की सुविधा के लिए मोरहर और बुढ़िया नदी के घाटों पर नगर परिषद की ओर से सफाई और रौशनी की बेहतर व्यवस्था की गई थी। घाटों को दुल्हन की तरह सजाया गया था।

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