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संपूर्ण विश्व अर्थशास्त्र के भ्रम जाल में है फसाः- प्रो0 वाजपेई

आध्यात्मिक अर्थशास्त्र एवं भारत के बदलते परिवेश में मानव कल्याण विषय पर आयोजित विशेष व्याख्यान में मुख्य वक्ता प्रो एसडीएन वाजपेई ने कहा कि सम्पूर्ण विश्व अर्थशास्त्र के भ्रम जाल में फंसा है, जो मानव...

संपूर्ण विश्व अर्थशास्त्र के भ्रम जाल में है फसाः- प्रो0 वाजपेई
हिन्दुस्तान टीम,गयाTue, 11 Feb 2020 11:01 PM
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आध्यात्मिक अर्थशास्त्र एवं भारत के बदलते परिवेश में मानव कल्याण विषय पर आयोजित विशेष व्याख्यान में मुख्य वक्ता प्रो एसडीएन वाजपेई ने कहा कि सम्पूर्ण विश्व अर्थशास्त्र के भ्रम जाल में फंसा है, जो मानव जाति के लिए हितकर नहीं है। हमें आध्यात्मिक अर्थशास्त्र के चिंतन की ओर जाना होगा। जिसमें जीव मात्र का कल्याण सन्नहित हो। इस अर्थशास्त्र के मार्ग पर प्रकृति प्रदत सभी वस्तुओं पर समान रुप से सबका अधिकार हो। उन्होंने कहा कि आज विकास की अंधी दौड़ जारी है। उससे असमानता में उतरोत्तर वृद्धि हो रही है। उन्होंने गांधीयन अर्थशास्त्र को विकास मॉडल में समाहित करने पर बल दिया। मुख्य अतिथि कुलपति राजेंद्र प्रसाद ने बदलते भारत में लोक कल्याण पर आधारित प्रो वाजपेई के आध्यात्मिक अर्थशास्त्र पर लेखन की आवश्यकता बताई और प्रो वाजपेई से इस कार्य को करने का अनुरोध किया। विशेष व्याख्यान की अध्यक्षता पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो सुदामा सिंह ने की। अर्थशास्त्र तथा श्रम एवं समाज कल्याण विभाग द्वारा संयुक्त रुप से आयोजित विशेष व्याख्यान में विभागाध्यक्ष डा भारत भूषण ने अतिथियों का स्वागत किया। आरंभ में छात्राओं द्वारा प्रो के के नारायण के निर्देशन में कुल गीत से अतिथियों का स्वागत किया। इस मौके पर कुलसचिव प्रो एसएनपी यादव दीन, प्रो बीआर यादव, प्रो नीभा सिंह, प्रो जयनंदन सिंह, प्रो मनीष कुमार, प्रो रहमत जहा, प्रो एमएन अंजुम, प्रो विक्रमा सिंह, प्रो आरपी सिंह, प्रो ब्रजभूषण प्रसाद शर्मा, दुरस्त शिक्षा के निदेशक प्रो सुशील कुमार सिंह, प्रो विनय कुमार, डा रतिकांत दास, डा राजेश कुमार उर्फ राजू सहित सभी विभागों के शिक्षक व छात्र मौजूद थे। इस कार्यक्रम का मंच संचालन दीपा रानी एवं सौरभ कुमार ने किया।

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