थाईलैंड के 80 अधिकारियों ने चीवरधारण कर बने बौद्ध भिक्षु
रायल थाई मंदिर के वरिष्ठ भिक्षुओं ने सभी श्रद्धालुओं को दिया दीक्षा
थाईलैंड सरकार के विभिन्न विभागों में कार्यरत अधिकारी गुरुवार को बुद्धभूमि पर चीवर धारण कर बौद्ध भिक्षु बन गए। बौद्ध भिक्षु बने अधिकारी एक सप्ताह भिक्षु का जीवन यापन करेंगे। उसके बाद गृहस्थ जीवन में वापस लौट जाएंगे।
चीवर धारण करने के लिए बैंकाक से एक सौ थाई श्रद्धालुओं का दल बुधवार को बोधगया पहुंचा। जिसमें विभिन्न विभागों के अधिकारी शामिल हैं। चीवर धारण करने का कार्यक्रम थाई मंदिर परिसर में आरंभ हुआ। जहां सबसे पहले अधिकारियों का सिर मुंडन किया गया। जहां रायल थाई मंदिर के वरिष्ठ भिक्षुओं ने सभी श्रद्धालुओं को दीक्षा दिया। इसके बाद महाबोधि मंदिर के गर्भगृह में पूजा अर्चना की और फिर सभी सामूहिक रूप से पवित्र बोधिवृक्ष की छांव में चीवर धारण किए। परंपरा के अनुसार मंत्रोच्चार के साथ उन्हें चीवरधारण कराया गया। चीवर धारण करने के पश्चात हाथों में भिक्षापात्र लिए सभी नव बौद्ध भिक्षु वापस थाई मंदिर लौट गए।
थाई बौद्ध भिक्षु बताते हैं कि थाईलैंड में ऐसी परंपरा है कि पुरुष को अपने जीवन काल में एक बार चीवर धारण करना आवश्यक होता है। उसी परंपरा का निर्वहन करते हुए 80 श्रद्धालुओं ने चीवर धारण कर श्रामणेर की दीक्षा ली है। अब ये सभी जब तक चीवर में रहेंगे, भिक्षु धर्म का पालन करेंगे। जिन्हें आजीवन ग्रहण करने की इच्छा होगी। वैसे श्रद्धालु आजीवन भी ग्रहण कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि श्रामणेर की दीक्षा लेने वाले सभी एक सप्ताह तक बोधगया में रहकर पूजा-अर्चना करेंगे। तत्पश्चात अन्य बौद्ध परिपथ का परिभ्रमण करेंगे।