भईया मिठईया खा लियह औउ यहां से जल्दी निकल के अईह...
भईया मिठईया खा लियह औउ यहां से जल्दी निकल के अईह...भईया मिठईया खा लियह औउ यहां से जल्दी निकल के अईह...भईया मिठईया खा लियह औउ यहां से जल्दी निकल के अईह...
भईया मिठईया खा लियह औउ यहां से जल्दी निकल के अईह। इतना कह बंदी भाई की कलाई पर राखी बांध फफक कर रो पड़ी बहुबिगहा चेरकी की सविता देवी। वह अपने भाई राजेश कुमार को राखी बांधने आई थी। गेट पर सिर्फ भाई की कलाई बाहर निकली उस पर वह राखी बांधी। भाई का चेहरा भी मनभर नहीं देखा और दूसरे की बारी आने लगी तो यही कह कर रो पड़ी कि भईया मिठईया खा लियह औउ यहां से जल्दी निकल के अईह। यह सिर्फ एक बहन की नहीं बल्कि सभी बहन इसी तरह अपनी भाई की कलाई पर राखी बांधते ही फफक कर रो पड़ीं। करीब एक हजार बहनें पहुंचीं अपने भाई को राखी बांधने
गया केंद्रीय कारा में सोमवार को अपने भाईयों को राखी बांधने दूर दराज से करीब एक हजार बहने पहुंची। रक्षाबंधन के मौके पर सुबह से ही बहनों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी, जो शाम तक लगी रही। इस दौरान बहनें अपने बंदी भाइयों को राखी बांधने के लिए दूर-दराज से पहुंच लंबी कतार में खड़ी रहीं। काफी इंतजार के बाद जब बहने अपने भाई की कलाई पर राखी बांधी तो फफक कर रो पड़ी। गेट के अंदर रहे भाई की कलाई पकड़ रोने लगी। भाई भी अपने को रोक न सका और वह भी रोने लगा। यह सिलसिला दिनभर चलता रहा।
घंटों इंतजार के बाद अपने भइयों को बांधी राखी
इस गर्मी में दूर दराज से अपने भाई को राखी बांधने के लिए बहने पहुंची। बागेश्वरी मोहल्ले के मुस्कान अपने भाई आजाद को राखी बांधने पहुंची। पथरौरा के सियामुनि अपने भाई कृष्ण दास को, परैया के सरोज व बरसा अपने भाई उमेश को, पटना से आई नीलम देवी अपने भाई राजेश को राखी बांधने पहुंची। इसके अलावा नवादा के राजो देवी भी अपने भाई गणेश चौधरी को राखी बांधने के लिए घंटों इंतजार किया। उसके बाद राखी बांध पाई।
शास्त्र पर भी भारी पड़ा भाई-बहन का प्रेम
ऐसे तो शास्त्रों के अनुसार दोपहर 1:25 बजे के बाद से राखीं बांधने का शुभ मुहूर्त था, लेकिन भाई-बहन के पवित्र प्रेम के आगे शास्त्रों के मुहूर्त के पहले भी बहने अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती दिखी। उन्हे सबसे पहले अपने भाई की कलाई पर राखी बांधने की ललक थी। लंबे इंतजार के बाद जब बहनों ने अपने भाई की कलाई पर राखी बांधी तो बहन भावुक होकर रो पड़ीं इसके बाद भाई के भी आंसू निकल पड़े। इस दौरान भाई-बहन के प्रेम व उनके भावुकता देखने को मिली।
दो दिन पहले से ही बहने भेज रहीं थी राखी
कारा अधीक्षक अरूण पासवान स्वयं बहनों से मिल उन्हे रक्षाबंधन की शुभकामनाएं दी। भीड़ व आपाधापी देख उन्होनें धैर्य व अपने भाई से मिलने के लिए संयम रखने को कहा। वहीं गया केंद्रीय कारा के उपाधीक्षक राजेश कुमार सिंह ने बताया कि बंदियों से मिलने के लिए करीब एक हजार से अधिक बहनें कारा में पहुंची थी जिसे कतार में बारी-बारी कर अपने भाइयों की कलाई पर राखी बंधवाई गई। लगभग 350 बहनें रविवार को ही कारा में राखी पहुंचा गई थीं। दो दिन पहले से ही लोग राखी बंदियों को भेज रही थीं। इस दौरान सहायक कारा अधीक्षक आदित्य कुमार सुरक्षा व्यवस्था को बनाये रखने के लिए चहलकदमी करते नजर आये।
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