ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News बिहार गयापीएचडी करने वालों छात्रों दी गई शोध गंगा की जानकारी

पीएचडी करने वालों छात्रों दी गई शोध गंगा की जानकारी

पीएचडी करने वालों छात्रों दी गई शोध गंगा की जानकारी

पीएचडी करने वालों छात्रों दी गई शोध गंगा की जानकारी
हिन्दुस्तान टीम,गयाSat, 19 Jan 2019 07:46 PM
ऐप पर पढ़ें

मगध यूनिवर्सिटी मन्नूलाल केन्द्रीय पुस्तकालय में शनिवार को शोधगंगा चौपाल का आयोजन किया गया है। चौपाल में छात्रों को शोधगंगा में मूल्यांकन के दौरान शोध प्रबंधों एवं प्रपत्रों में आये विसंगतियों में सुधार एवं सामाधान की जानकारी दी गई।विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नियमावली 2018 के अनुसार शोध के लिए मूल्यांकन शोधगंगा प्रोजेक्ट से अनिवार्य है। आयोग ने शोध में पारदर्शिता बनाने के लिए सभी विवि को शोध गंगा से मूल्यांकन करना अनिवार्य किया है। शोध गंगा से मूल्यांकन के बाद ही शोध की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। शोधार्थी के लिए दूसरे रिसर्च थीसिस का नकल करना आसान नहीं होगा। यूजीसी की बेबसाइट शोध गंगा से शोध पत्र का मिलान किया जायेगा। नकल होने पर शोध पत्र रिजेक्ट हो सकताहै। शोध गंगा पर रिसर्च पेपर अपलोड करने पर इस बात का पता चल जाएगा कि थिसिस का कोई चैप्टर किसी दूसरे से नकल तो नहीं किया गया। साथ ही विश्वविद्यालय के छात्र ऑन लाइन थिसिस को पढ़ सकेंगे। शोधार्थी की रिसर्च का प्रसार भी होगा। शोधगंगा प्रोजेक्ट का इचार्ज डॉ पिंटू कुमार ने बताया कि तीन महिनो में 136 शोध प्रबंधों का मूल्यांकन हो चुका है। इसमें से 52 शोध प्रबंधो में अत्याधिक प्लीज्मरिज्म पाया गया तो डिग्री अवार्ड नहीं की जायेगी। 23 शोध प्रबंधों को पुनः सुधार के लिए जमा करवाया गया है।शोधगंगा चौपाल में प्रभारी डॉ पिन्टू कुमार ने शोधार्थियों की समस्या, समाधान एवं सुधार की प्रक्रिया की जानकारी दी। निरंतर प्रयास से शोधगंगा के अन्तर्गत बहुत सारे शोध प्रबंध में गुणात्मक सुधार किया गया है। चौपाल में सहायक रजनीकान्त के साथ विवि शिक्षक उपस्थित थे।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें