ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News बिहार गयासहायिकाओं की उम्र निर्धारण के लिए नहीं गठित हुआ मेडिकल बोर्ड

सहायिकाओं की उम्र निर्धारण के लिए नहीं गठित हुआ मेडिकल बोर्ड

सोलह माह से मानदेय को तरस रही शेरघाटी प्रखंड की सहायिकाएं

सहायिकाओं की उम्र निर्धारण के लिए नहीं गठित हुआ मेडिकल बोर्ड
हिन्दुस्तान टीम,गयाSat, 07 Apr 2018 11:18 PM
ऐप पर पढ़ें

समाज कल्याण विभाग के अफसर पिछले करीब डेढ़ सालों में भी शेरघाटी प्रखंड के विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों में तैनात करीब एक सौ सहायिकाओं की उम्र का सत्यापन कराने के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन नहीं करा सके।उम्र के किसी मान्य प्रमाण के बगैर सहायिकाओं को पिछले सोलह महीने से मानदेय का भुगतान नहीं किया जा रहा है। इनमें से ज्यादातर सहायिकाओं की उम्र रिटायरमेंट की उम्र अर्थात 60 वर्ष से ज्यादा हो चुकी हैं। इसके बावजूद वह केंद्रों पर बच्चों के लिए पोषण तैयार करने से लेकर घर-घर से बच्चों को केंद्र पर बुलाने तक का काम कर रही हैं। इन महिलाओं के पास जन्म तिथि दर्शाने वाली किसी तरह की कोई मान्य सर्टिफिकेट नहीं है। मानदेय से वंचित ऐसी सहायिकाओं का एक समूह शनिवार को जदयू के स्थानीय विधायक विनोद प्रसाद यादव से उनके शहर के नई बाजार स्थित आवास पर मिला और मानदेय के भुगतान की फरियाद की। इधर शेरघाटी की सीडीपीओ नीतू न्यारिका ने बताया कि उम्र के सत्यापन के बगैर मुख्यालय से ही सहायिकाओं के वेतन पर रोक लगा दी गई है। उम्र सत्यापन के उद्देश्य से पूर्व में ही वरीय अधिकारियों को मेडिकल बोर्ड के गठन के लिए पत्र लिखा गया है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें