बनारस की मंडी से पूरे देश में बिकते मगध के मगही पान
मगध के मगही पान की धूम देशभर में है। गया की थोक मंडी से भारी संख्या में पान बनारस पान जाते हैं। बनारस की मंडी से पूरे देश में मगध पान अपनी लालिमा...

मगध के मगही पान की धूम देशभर में है। गया की थोक मंडी से भारी संख्या में पान बनारस पान जाते हैं। बनारस की मंडी से पूरे देश में मगध पान अपनी लालिमा फैला रही है। बिहार व झारखंड के साथ ही दूसरे प्रदेशों के लोगों के होंठ गया के पान से भी लाल हो रहे हैं। भट्ठी में तपने के बाद बनारस क्या देश के बड़े-बड़े महानगरों में मगही पान की डिमांड है। शादी-विवाह के सीजन में पान की मांग बढ़ गयी है। खुदरा के साथ थोक बाजार में बिक्री में इजाफा है। लोकल या दूसरे प्रदेशों में थोक मंडी पानदरिवां से ही मगही पान बनारस के चेतगंज जाते हैं। देश की सबसे बड़ी पान मंडी चेतगंज के थोक व्यापाारी सीधा उत्पादकों से भी पान की खरीदारी करते हैं। चार थोक कारोबारी (अढ़तिया) हैं और बारह खुदरा दुकानदार है। कारोबारी और पान उत्पादक हर सप्ताह करीब छह से सात सौ टोकरी पान (30 करोड़ पान) बनारस के कारोबारी के हाथों बेचते हैं। गया के थोक मंडी पनदरिवां से हर दिन 70 लाख पान के पत्ते बिकते हैं। 15 लाख से अधिक पत्ते बनारस भेजे जाते हैं।
बनारस से महानगरों में जाते हैं मगही पान
पनदरिवां के थोक कारोबारी विनोद कुमार चौरसिया ने बताया कि सूबे के अलावा बनारस के थोक कारोबारी यहां से मगही पान ले जाते हैं। ट्रक और ट्रेन के माध्यम से चेतगंज मंडी भेजते हैं। वाराणसी में भी मगही पान की अच्छी डिमांड है। इसके बाद कारोबारी बनारस में मगही पान को भट्ठी के जरिए केमिकल डालकर हरा पान को सफेद कर देते हैं। इसके बाद इलाहाबाद, मुंबई, दिल्ली सहित देश के अन्य नगरों में पान जाता है। महानगरों में जाकर गया का मगही पान ही बनारस का पान हो जाता है।
पत्ते की क्वालिटी पर तय होती कीमत
थोक कारोबारी मनोज कुमार ने बताया कि पानदरिवां में हर दिन सुबह पान की क्वालिटी पर कीमत तय होती है। अच्छे पान की एक ढोली (200 पत्ते) की कीमत 40 रुपए तक होती। खराब होने पर एक रुपए भी हो जाती है। लेकिन बनारस के कारोबारी बेहतर क्वालिटी के ही मगही पान खरीदकर ले जाते हैं।
पनदरिवां में गया, नवादा और औरंगाबाद से आते हैं पान
विनोद कुमार चौरसिया ने बताया कि पानदरिवां थोक मंडी में गया जिले के अलावा नवादा, नालंदा और औरंगाबाद के गांवों से पान आता है। नवादा के हिसुआ, तुंगी, ढेबरी, ढपलपुरा, हंडिया, पचेया, डोला, ऐटपकवा के किसान पान लेकर गया आते हैं। गया के पीपरा, हरसिंगरा, मीठापुर, कनौसी, जमुआवां से पान आते हैं। जमुआवां में तुंगी के किसान ही पान की खेती करते हैं। आमस के जलपा करताही और औरंगाबाद के देव से।