दादा भाई नौरोजी के आर्थिक विचार आज भी प्रासंगिक : प्रो. विश्वनाथ सिंह
-• नौरोजी का विचार आधुनिक भारत के आर्थिक विकास का पथप्रदर्शक • -मगध विश्वविद्यालय में

मगध विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर अर्थशास्त्र विभाग द्वारा शुक्रवार को दादा भाई नौरोजी की आर्थिक विरासत विषय पर एक दिवसीय व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. विश्वनाथ सिंह ने नौरोजी के आर्थिक चिंतन को भारत की अमूल्य धरोहर बताते हुए कहा कि उनके विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं। उन्होंने कहा कि भारत एक बार फिर ‘सोने की चिड़िया और ‘विश्वगुरु बनने की ओर अग्रसर है। जिसका श्रेय नौरोजी, दीनदयाल उपाध्याय, लोहिया जैसे विचारकों की आर्थिक दृष्टि को जाता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता विभागाध्यक्ष प्रो आरएस जमुआर ने की। उन्होंने उपस्थित लोगों का स्वागत करते हुए नौरोजी के विचारों को आधुनिक भारत के आर्थिक विकास का पथप्रदर्शक बताया।
उन्होंने कहा कि भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर है और यह नौरोजी जैसे विचारकों की प्रेरणा से ही संभव हो पा रहा है। मुख्य अतिथि के रूप में समाजशास्त्र विभाग के प्रो. दीपक कुमार ने नौरोजी की देशभक्ति और निष्ठा को आत्मसात करने की अपील की। कार्यक्रम का संचालन डॉ. गजाला शाहीन ने किया और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. इमरान आलम ने किया। मौके पर डॉ. सौरभ कुमार, डॉ. दीपा रानी, डॉ. गोपाल सिंह सहित विभिन्न विभागों के शिक्षक और शोधार्थी उपस्थित थे।
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