लुप्तप्राय सारस के संरक्षण के लिए बनाई हरगिला आर्मी
दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) के जीवन विज्ञान विभाग की ओर से आयोजित एवियन बायोलॉजी-2022 राष्ट्रीय संगोष्ठी का दूसरा दिन आम सभा की...

टिकारी। निज संवाददाता
दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) के जीवन विज्ञान विभाग की ओर से आयोजित एवियन बायोलॉजी-2022 राष्ट्रीय संगोष्ठी का दूसरा दिन आम सभा की बैठक के साथ शुरू हुई। बैठक में प्रो. एएस दीक्षित को एएसएबी (एसोसिएशन फॉर द स्टडी ऑफ एनिमल बिहेवियर) का अध्यक्ष बनाने के प्रस्ताव से हुआ। पीआरओ मो. मुदस्सीर आलम ने बताया कि दूसरे दिन तकनीकी सत्र का आयोजन विभाग के अध्यक्ष डॉ. राम प्रताप सिंह की देखरेख में आयोजित किया गया। जिसमें आयोजन टीम के सदस्य डॉ. गौतम कुमार, डॉ. अमृता श्रीवास्तव, डॉ. तारा काशव, डॉ मनोज पांचाल, डॉ नवीन कुमार सिंह और डॉ संजय कुमार के विभाग के शोधार्थियों व छात्रों ने अहम भूमिका निभाई।
पहला तकनीकी सत्र जीवविज्ञान और संरक्षण पर आधारित था। डॉ. पूर्णिमा देवी बर्मन, संरक्षण जीव वैज्ञानिक, आरण्यक, असम ने "इनेबलिंग कोएक्सिस्टेंस ऑफ पीपल एंड ग्रेटर एडजुटेंट स्टोर्क (एल डूबियस) इन असम, इंडिया" विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने लुप्तप्राय ग्रेटर एडजुटेंट स्टॉर्क (हरगीला) की रक्षा के लिए अपने द्वारा किये जा रहे प्रयासों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि सारस के संरक्षण के लिए उन्होंने करीब 100 लोगों के साथ एक विशेष समूह बनाया है जिसे "हरगीला आर्मी" कहा गया है। इस कार्य के लिए वर्ष 2018 में उन्हें नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। सत्र की अध्यक्षता प्रो. विनोद कुमार और सह-अध्यक्ष डॉ. नवीन कुमार सिंह ने किया। सत्र के अन्य वक्ताओं में डॉ मांची शिरीष, प्रधान वैज्ञानिक, सलीम अली सेंटर फॉर ऑर्निथोलॉजी एंड नेचुरल हिस्ट्री (एसएसीओएन) और डॉ वी वी रॉबिन, एसोसिएट प्रोफेसर, भारतीय विज्ञान, शिक्षा और अनुसंधान संस्थान, तिरुपति थे।
