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अपने मन,वचन,कर्म से किसी को आहत नहीं करना ही गांधी दर्शन : राजेन्द्र

अपने मन,वचन,कर्म से किसी को आहत नहीं करना ही गांधी दर्शन : राजेन्द्र

अपने मन,वचन,कर्म से किसी को आहत नहीं करना ही गांधी दर्शन : राजेन्द्र
हिन्दुस्तान टीम,गयाTue, 01 Oct 2019 05:37 PM
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गया कॉलेज के प्रेमचंद सभागार में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती की पूर्व संध्या पर राष्ट्रीय गोष्ठी का आयोजन किया गया। गांधी दर्शन की प्रासंगिकता विषय पर आयोजित समारोह में मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ राजेंद्र प्रसाद ने इसका उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। इसके पूर्व कला भारती के छात्रों ने कुल गीत की प्रस्तुति दी। इस मौके पर कुलपति को कॉलेज की ओर से प्राचार्य डॉ दिनेश प्रसाद सिन्हा ने स्वागत किया। अपने संबोधन में वीसी ने कहा कि मैं महात्मा गांधी की जन्म भूमि एवं निर्माण भूमि से महात्मा बुद्ध की ज्ञान भूमि तक आया हूं। महात्मा गांधी ने एक जीवन दर्शन दिया है, जो सभी के लिए अनुकरणीय है। सत्य एवं अहिंसा का जो प्रासंगिक मार्ग उन्होंने दिखाया है, वह पतंजलि के योग दर्शन से प्रभावित है। उनका यह दर्शन वर्तमान एवं भविष्य में भी प्रासंगिक रहेगा। किसी को भी अपने मन-वचन एवं कर्म से आहत नहीं करना ही वास्तविक गांधी दर्शन है। विद्यार्थियों से इस अवसर पर अपील की कि आप गांधी जी के अनुशासन का अनुकरण करें। इस अवसर पर गया डॉ एसएनपी दीन कुलानुशासक मगध विश्वविद्यालय, डॉ आरकेपी यादव कुलानुशासक गया कॉलेज गया ने भी अपने विचार रखे। मंच का संचालन डॉक्टर के के नारायण तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ शशि रंजन रस्तोगी बर्सर गया कॉलेज गया ने किया| गोष्ठी में गया कॉलेज के सभी शिक्षक, कर्मचारी एवं छात्र उपस्थित थे।

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