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संवाद : बच्चों के हाथों में नहीं दें बाइक, बढ़ रहे हादसे

संवाद : बच्चों के हाथों में नहीं दें बाइक, बढ़ रहे हादसे संवाद : बच्चों के हाथों में नहीं दें बाइक, बढ़ रहे...

संवाद :  बच्चों के हाथों में नहीं दें बाइक, बढ़ रहे हादसे
Newswrapहिन्दुस्तान टीम,गयाMon, 13 Dec 2021 06:30 PM
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मोटर व्हीकल एक्ट में भी 18 वर्ष से कम उम्र वाले बच्चों को वाहन चलाने की है मनाही

स्कूलों में बच्चों को किया जाना है जागरूक

दो पहिया सहित तीन पहिया वाहनों को इन दिनों बच्चों द्वारा किया जा रहा उपयोग, बए़ी है दुर्घटनाएं

गया । हिन्दुस्तान संवाददाता

अभिभावकों की अनदेखी के कारण नबालिग बच्चों शहर से लेकर गांव तक बाइक चला रहे हैं। दो दिन पूर्व ही गया में एक बाइक पर सवार तीन किशोर सड़क हादसे का शिकार हो गये थे। इनमें दो की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी थी। एक किशोर अभी भी अस्पताल में जीवन-मौत से जूझ रहा है।

आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान ने लोगें के बीच संवाद कराया। इसमें अधिकांश लोगों ने बच्चों के हाथों में बाइक नहीं देने की बात कही है। साथ ही इसके लिए अभिभावकों को हर हाल में सचेत रहने तथा विशेष तौर पर बच्चों को जागरूक करने पर भी जोर दिया गया। बच्चों द्वारा तीन पहिया वाहन चलाने की स्थिति में उसपर सवारी करने से बचने और उसे मना करने की आदत डालने की भी बात कही गई है। नबालिग बच्चे बाइक, ऑटो और टोटो चला रहे हैं। स्कूलों में भी बइक लेकर छात्र पहुंचने लगे हैं।

1. बच्चों द्वारा बाइक चलाने में सबसे ज्यादा दोषी अभिभावक हैं। बच्चों के हाथ में अभिभावक बाइक की चाभी थमा देते हैं। इसे हर हाल में रोकना होगा। स्कूल में भी छात्र द्वारा बाइक चलाने पर रोक लगा हुआ है।

-मनोज कुमार निराला, प्रभारी हेडमास्टर, हरिदास सेमनरी स्कूल।

2. बच्चों को बाइक का उपयोग करने पर रोक लगाना होगा। इसमें अभिभावकों की अहम भूमिका होगी। जागरूकता की कमी से भी बच्चे बाइक का उपयोग धड़ल्ले से कर रहे हैं। बच्चों द्वारा बाइक चलाए जाने की उत्पन्न खतरा और ट्रैफिक नियमों के बारे में स्कूल में जानकारी दी जा रही है।

-सुष्मिता सन्याल, शिक्षिका, चंदौती हाई स्कूल।

3. छात्रों द्वारा बाइक नहीं चलाने का संदेश दिया जाता है। अभिभावकों को भी सचेत किया गया है। बावजूद बच्चे बाइक से स्कूल आ जाऐंगे तो विघालय प्रबंधन वैसे बच्चों के अभिभावक को अवगत कराकर अनुशासनहीनता को मानते हुए स्कूल से निष्कासित करने की भी कार्रवाई की जा सकती है।

-राकेश कुमार, निदेशक, सीपीआर स्कूल।

4. हम सभी अभिभावकों का कर्तव्य बनता है कि असमय बच्चों को बाइक नहीं चलाने दें। उसके हाथ में बाइक की चाभी देने से बचे। बच्चों का जीवन देखना है तो ट्रैफिक नियमों का हम सभी अभिभावकों को पालन करना चाहिए। जागरूकता के तहत बच्चों को दुर्घटना से होने वाल नुकसान से भी अवगत कराना चाहिए।

-रामप्रवेश शर्मा

5. बच्चों के हाथ में बाइक की चाभी देने में ज्यादतर हम अभिभीवक दोषी हैं। बच्चों के कार्यकलापों पर विशेष ध्यान देने और उन्हें सही मार्गदर्शन देने की जरूरत हम अभिभावकोे का है। थोड़ी सी लापरवाही और नजरअंदाजी के कारण बच्चे बाइक दुर्घटना का शिकार हो जा रहे है। इसपर सभी को जागरूक बनने की जरूरत है।

-अरूण कुमार

6. बच्चों द्वारा बाइक के साथ ऑटो भी धड़ल्ले से चलाया जा रहा है। परिवहन नियमों की धज्जियां उड़ रही है। समुचित कार्रवाई नहीं होने से अभिभावक भी निर्भिक बने है और बच्चे कम उम्र में ही सड़क पर बाइक दौड़ा रहे हैं। इसके लिए अभिभावकों के साथ ही प्रशासन को भी चौकस होने की आवश्यकता है।

-मो. हलीम खान, सामाजिक कार्यकर्ता।

7. स्कूलों में बच्चों के बीच ट्रैफिक नियमों का पाठ पढ़ाना चाहिए। साथ ही अभिभावकों के साथ बैठक कर बच्चों को बाइक नहीं चलाने के लिए शिक्षकों द्वारा संदेश देना चाहिए। हम सभी छात्रों को भी ट्रैफिक नियमों का पालन करना चाहिए। ड्राइविंग लाइसेंस बनाए जाने के बाद ही बाइक सचेत होकर चलाना चाहिए।

-कुमारी ऐश्वर्या, छात्रा चंदौती हाई स्कूल।

8. बच्चों द्वारा बाइक चलाना मोटर वैकिल एक्ट का उलंघन है। पकड़े जाने पर जुर्माने की वसूली की जाती है। साथ ही जिला परिवहन विभाग द्वारा समय-समय पर जागयकता अभियाना भी चलाया जाता है। अभियान को और तेज किया जाएगा। अभिभावकों को भी इसके लिए सचेत रहने की जरूरत है।

-विकास कुमार डीटीओ गया।

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