Hindi NewsBihar NewsGaya NewsBridging the Gap Between Rural and Urban India Challenges and Opportunities for Youth Development

ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के बीच की खाई को पाट कर ही विकसित भारत 2047 के लक्ष्य की हो सकती है

संक्षेप: ग्रामीण और नगरीय भारत के बीच की खाई को पाटने की आवश्यकता है। विशेषकर पढ़ाई कर रहे ग्रामीण छात्रों के विकास के लिए ज्ञान, चिकित्सा, और उद्योग के क्षेत्रों में सुधार पर चर्चा की गई। यह मुद्दा दक्षिण...

Tue, 14 Oct 2025 06:21 PMNewswrap हिन्दुस्तान, गया
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ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के बीच की खाई को पाट कर ही विकसित भारत 2047 के लक्ष्य की हो सकती है

ग्रामीण भारत एवं नगरीय भारत दोनों में बड़ी खाई है। आज देश के सामने गांव में रहने वाले युवा खासकर पढ़ने-लिखने वाले छात्रों का ज्ञान संवर्धन कैसे हो, उनके परिष्करण कैसे हो, उनका विकास कैसे हो ये सभी चुनौती का विषय है। केवल नगरीय क्षेत्र विकसित होते जाएं और ग्रामीण क्षेत्र पिछड़ते जाएं यह देश की सुरक्षा के लिए सही नहीं है और इस पर विचार विमर्श कर समाधान निकालने की आवश्यकता है। इसलिए चाहे वो ज्ञान का क्षेत्र हो, चिकित्सा का क्षेत्र हो, चाहे अधिक्वता के क्षेत्र में हों, चाहे अभियंता के क्षेत्र में हों, चाहे निर्माण का क्षेत्र हो, चाहे उद्योग का क्षेत्र हो या कोई भी विकास का क्षेत्र हो जितनी जल्दी हो सके ग्रामीण और नगरीय भारत के बीच की खाई को समाप्त कर दिया जाए।

ग्रामीण क्षेत्रों एवं नगरीय क्षेत्रों के बीच की खाई को पाट कर ही हम एक समृद्ध भारत एवं विकसित भारत की परिकल्पना कर सकते हैं। उक्त वक्तव्य दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) के कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह ने मुख्य अतिथि के रूप में राजर्षि जनक सेंट्रल लाइब्रेरी द्वारा ''ग्रामीण छात्रों के विकास में सार्वजनिक पुस्तकालय की भूमिका: चुनौतियां और अवसर'' विषय पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन समारोह में दिया। कार्यशाला के उद्देश्यों से कराया अवगत राजा राममोहन रॉय लाइब्रेरी फाउंडेशन (आरआरआरएलएफ), संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार एवं सीयूएसबी के सेन्ट्रल लाइब्रेरी के संयुक्त तत्वावधान में कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई। लाइब्रेरियन डॉ. प्रमोद कुमार सिंह ने दो-दिवसीय कार्यशाला के उद्देश्यों से अवगत कराया। सीयूएसबी के डिप्टी लाइब्रेरियन डॉ. पंकज माथुर ने अपनी बातें रखीं। तकनीकी सत्रों में कार्यशाला के विषय पर इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के लाइब्रेरियन डॉ. बी.के. सिंह ने ओपन एजुकेशनल रिसोर्सेज (ओईआर) की सहायता से ग्रामीण छात्रों का विकास, दी डूअल मैंडेट; लाइब्रेरीज, इक्विटी एंड स्ट्रेटेजिक लिटरेसी इन दी डिजिटल ऐज आदि विषयों पर चर्चा की।