बच्चे, दिव्यांग, वृद्ध, विधवा व अन्य को सुरक्षित रखने की बनी रणनीति
बच्चे, दिव्यांग, वृद्धजन, विधवा व अन्य को सुरक्षित रखने की बन रही रणनीतिबच्चे, दिव्यांग, वृद्ध, विधवा व अन्य को सुरक्षित रखने की बनी रणनीतिबच्चे, दिव्यांग, वृद्ध, विधवा व अन्य को सुरक्षित रखने की बनी...
बच्चे, दिव्यांग, वृद्धजन, विधवा व अन्य को सुरक्षित रखने की बन रही रणनीति
कोरोना के अलावा अन्य बीमारियों से मौत रोकने के लिए तैयार हो रहा प्रशासन
बुनियादी केन्द्रों को भी बनाया जा सकता है कोविड केयर सेन्टर
समाज के दिव्यांग, वृद्ध, विधवा व अन्य को सुरक्षित रखना उद्देश्य
डीएम ने कहा-जरूरत हुई तो वैक्सीनेशन में इस्तेमाल होगा मोबाइल थेरेपी का
फोटो :
वैक्सीन डीएम : वैक्सीन दिलाते लोग।
बिहारशरीफ। हिन्दुस्तान संवाददाता
कोरोना वायरस जनित महामारी की दूसरी लहर से उपजे हालातों और कोरोना संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करने पर जिले में लगातार जोर दिया जा रहा है। इसके साथ ही, जिलेभर में बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने और समाज के सबसे अभिवंचित समूहों जैसे बच्चों, दिव्यांगों, वृद्ध, विधवा व अन्य को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से जिलास्तर पर व्यवस्था की जा रही है। इन सबों के लिए यह व्यवस्था की जा रही है कि कोरोना संक्रमण के अलावा किसी अन्य प्रकार की बीमारी में उनका तुरंत इलाज संभव हो सके।
इसके तहत डीएम योगेन्द्र सिंह ने बताया कि संबंधित अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि सभी अनुमंडलों में समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित बुनियाद केन्द्रों को कोविड केयर सेन्टर या वैक्सीनेशन सेंटर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। जिलेभर में संचालित मोबाइल थेरेपी एवं आउटरीच वैन में हो रहे संजीवनी सेवा का उपयोग वैक्सीनेशन के काम में लिया जा सकता है। कोरोना संक्रमण से हुई मृत्यु की स्थिति में लाभुक के परिवार को वित्तीय सहायता देने के उद्देश्य से कबीर अंत्येष्टि अनुदान योजना का लाभ भी दिया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण की स्थिति में अगर कोई बच्चा अनाथ होता है तो प्रभावित बच्चे को फौरी तौर पर चाइल्ड केयर होम में रखने की व्यवस्था की जाएगी। क्योंकि, इन हालात में ऐसे अनाथ बच्चों के ट्रैफिकिंग में बृद्धि हो सकती है। इसलिए इसके नियमित जांच की व्यवस्था की जाए। इन योजनाओं का मकसद यह है कि समाज के अभिवंचित समूहों के साथ ही दिव्यांगों, वृद्धजन, विधवा व अन्य से संबंधित समस्याओं को प्राथमिकता के तौर निपटाया जा सके। क्योंकि कोरोना महामारी की इस कठिन परिस्थिति में सुरक्षित रखा जा सके। इसके लिए एक बार फिर से बैठक कर अब तक हुए कामों की समीक्षा की जाएगी।