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एक ही शिक्षक कई बीएड कॉलेजों में कक्षा लेने से बचें : वीसी

एक ही शिक्षक कई बीएड कॉलेजों में कक्षा लेने से बचें : वीसी

एक ही शिक्षक कई बीएड कॉलेजों में कक्षा लेने से बचें : वीसी
हिन्दुस्तान टीम,गयाSun, 27 May 2018 08:36 PM
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मगध यूनिवर्सिटी में बैठक के दूसरे दिन रविवार को शिक्षा विभाग के सभागार में वीसी प्रो कमर अहसन ने बीएड कॉलेज के प्राचार्यों को निष्ठा और समर्पण का पाठ पढ़ाया। प्राचार्यों को संबोधित करते हुए वीसी ने कहा कि बीएड कॉलेज भावी पीढ़ी के निर्माताओं के प्रशिक्षण स्थली है। उन्होंने इस पर भी सवाल उठाया कि एक ही शिक्षक कई बीएड कॉलेजों में वर्ग का संचालन करते हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अच्छी शिक्षा और अच्छा माहौल बीएड करने वाले प्रशिक्षाणार्थियों को दें, ताकि शिक्षा के स्तर को उंचाइयों तक ले जा सकें। इस बात पर जोर दिया कि विश्वविद्यालय के विभाजन के बाद बीएड कॉलेजों की संख्या घटी है। इसका फायदा लेते हुए कॉलेजों को गुणवत्ता बढ़ानी चाहिए। कॉलेज की किसी भी समस्या के समाधान करने के लिए विश्वविद्यालय त्तपर रहेगी।वीसी ने कहा कि भविष्य की भावी पीढ़ी का निर्माण करने की जिम्मेदारी शिक्षक और उस शिक्षण संस्थान पर होती है। हर वह व्यक्ति राजनीति क्षेत्र में हो, सरकारी पद पर हो या कोई अन्य कार्य करता हो, हर कोई पहले विद्यार्थी बनता है। विद्यार्थी को शिक्षक तरासते हैं जो देश का भविष्य बनता है। उन्होंने कहा कि शिक्षक का ध्येय बच्चों का चरित्र निर्माण करना होना चाहिए। वे उनमें वह आत्मविश्वास पैदा करें कि छात्र कल्पनाशील और सृजनशील बन सकें। इस रूप में छात्रों का विकास ही उन्हें भविष्य की चुनौतियों का सामना करते हुए प्रतिस्पर्द्धा में उतारेगा। सामान्य प्रक्रिया में शिक्षक कुछेक सर्वोत्तम परिणाम देने वाले छात्रों की ओर आकर्षित होते हैं तथा और अधिक सफलता प्राप्त करने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करते रहते हैं। इसके विपरीत एक शिक्षक की अहम भूमिका यह है कि वह उन विद्यार्थियों की ओर ध्यान केन्द्रित करे जो पढ़ने में कमजोर हैं। उनमें बेहतर समझदारी एवं सीखने की प्रवृति विकसित करने का प्रयास करे। ऐसा शिक्षक ही वास्तविक गुरु होता है। उन्होंने बीएड कॉलेजों की ऑनलाइन प्रक्रिया पर जोर दिया। इस क्रम में ऑनलाइन निबंधन पर पावर प्रजेंटेशन दिया गया। बीएड कॉलेजों में गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण की सुविधा होनी चाहिए। प्रशिक्षण में गुणवत्ता नहीं रहने से शिक्षकों में विषय संप्रेषण की कमी रहेगी। उन्होंने भव्य भवन व लचर शिक्षा की बात करते हुए कहा कि बीएड कॉलेजों को उनकी शिक्षण व्यवस्था पर उठ रहे सवालों को दूर करना होगा। इस मौके पर रजिस्ट्रार प्रो शैलेश कुमार सिंह, प्रो नलिन कुमार शास्त्री के अलावा अन्य मौजूद थे।

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