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अहमदाबाद ब्लास्ट के आरोपित तौसीफ को गुजरात ले गई क्राइम ब्रांच

अहमदाबाद ब्लास्ट के आरोपित आतंकी तौसीफ को गुजरात से आई क्राइम ब्रांच की टीम सोमवार को स्पेशल चार्टर्ड विमान से गुजरात ले गई। तौसीफ को गया सेंट्रल जेल से एयरपोर्ट तक ले जाने के लिए सुरक्षा के कड़े...

अहमदाबाद ब्लास्ट के आरोपित तौसीफ को गुजरात ले गई क्राइम ब्रांच
हिन्दुस्तान टीम,गयाMon, 27 Nov 2017 06:17 PM
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अहमदाबाद ब्लास्ट के आरोपित आतंकी तौसीफ को गुजरात से आई क्राइम ब्रांच की टीम सोमवार को स्पेशल चार्टर्ड विमान से गुजरात ले गई। तौसीफ को गया सेंट्रल जेल से एयरपोर्ट तक ले जाने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गए थे। तौसीफ को ले जाने के लिए गुजरात क्राइम ब्रांच के एडिशनल डीसीपी डॉ. राजदीप सिंह जाला के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम गया पहुंची थी। इनमें इंस्पेक्टर शंकर चौधरी, एसआई जतीन पटेल व जितेन्द्र गोस्वामी थे। इसके अलावा पटना एटीएस के जवान भी बुलाये गये थे। एयरपोर्ट तक की सुरक्षा में सिटी डीएसपी आलोक कुमार, लॉ एंड ऑर्डर डीएसपी सतीश कुमार जिला पुलिस के जवान के साथ मौजूद रहे।

साबरमती जेल में बने स्पेशल कोर्ट में होगी सुनवाई

एडीसीपी ने बताया कि अहमदाबाद ब्लास्ट मामले को लेकर साबरमती जेल में ही स्पेशल कोर्ट बनाया गया है। ब्लास्ट में पकड़े गए आतंकियों की सुनवाई उसी कोर्ट में हो रही है। गया से तौसीफ को ले जाने के बाद स्पेशल कोर्ट में पेशी होगी और इस पर दर्ज कुल 35 मामलों की सुनवाई होगी।

गुजरात क्राइम ब्रांच के एडीसीपी डॉ. जाला ने बताया कि 26 जुलाई 2008 को अहमदाबाद में हुए सीरियल ब्लास्ट में 56 लोग मारे गए थे और करीब दो सौ जख्मी हुए थे। इस ब्लास्ट का मास्टर माइंड का आरोप तौसीफ पर था। अहमदाबाद ब्लास्ट में इस पर 20 केस दर्ज हैं। उन्होंने बताया कि अहमदाबाद ब्लास्ट के पहले आतंकियों ने सूरत में भी बम प्लांट किया था। उस समय आतंकी अपने मकसद में कामयाब नहीं हुए थे और सभी बम को बरामद कर डिफ्यूज किया गया था। इस मामले में तौसीफ पर 15 केस दर्ज है।

सिविल लाइंस थाना क्षेत्र से किया गया था गिरफ्तार

बता दें कि गुजरात के अहमदाबाद ब्लास्ट के आरोपित तौसीफ 13 सितंबर को शहर के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया था। साल 2008 में अहमदाबाद ब्लास्ट के बाद से वह गया के करमौनी में छुपकर रह रहा था। बीते नौ सालों में गया में रहने के दौरान तौसीफ शिक्षण क्षेत्र से जुड़ा और इसकी आड़ में जिहाद के लिए युवकों का स्लीपर सेल तैयार करता रहा। पकड़े गए तौसीफ के पास से बरामद पेन ड्राइव, डायरी, किताब, मोबाइल व अन्य कागजातों से इसकी पुष्टि हुई थी।

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