बोधगया से 17वें करमापा ने दिया पर्यवरण संरक्षण का संदेश
छात्रों से अपने जीवन में दया, करुणा और भाईचारा का भाव रखने की सलाह
कग्यू पंथ के बौद्ध धर्म गुरु 17वें करमापा थिनले थाई दोरजे ने शनिवार को बोधगया में पौधरोपण किया और पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। बोधगया श्रीपुर स्थित बोधिट्री स्कूल में अंतरराष्ट्रीय अखंडता सप्ताह कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। इस मौके पर उन्होंने छात्र- छात्राओं को शांति, अहिंसा और भाईचारे का पाठ पढ़ाया। छात्रों से अपने जीवन में दया, करुणा और भाईचारा का भाव रखने की सलाह दी। ताकि जीवन सरल व सुगम बनी रहे।
उन्होंने कहा भगवान बुद्ध प्रकृति प्रेमी थे। इसलिए हमें भी प्रकृति का संरक्षण करना चाहिए। करमापा ने कहा कि बोधगया सांस्कृतिक व आध्यात्मिक कारणों से अति महत्वपूर्ण स्थल है। यहां दुनिया भर के लोग आते हैं इस कारण बोधगया को पर्यवरण संरक्षित रखने में बोधगयावासियों को ज्यादा भागीदारी निभाने की जरूरत है। पर्यावरण की रक्षा होगी तो स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा। 17वें करमापा ने छात्रों से कहा कि शिक्षा जीवन का मार्ग दर्शक है। इसलिए अध्ययन में मन लगाएं। उन्होंने कहा कि छात्र दूसरों को भी शिक्षा अर्जन के लिए प्रेरित करें ताकि उनका भी भविष्य उज्जवल बने। क्योंकि बगैर शिक्षा के जीवन अंधकारमय होता है। इस अवसर पर बच्चों के साथ पौधरोपण किया। दिल्ली पब्लिक स्कूल के छात्रों और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल 159 वीं बटालियन और 29वीं वाहिनी एसएसबी के उपसमादेष्टा उपेंद्र शर्मा व जवानों को करमापा ने सॉलिडिटरी ट्राफी दी। इस मौके पर बोधिट्री के विशेष बच्चों ने भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम का संचालन संस्था के निदेशक धीरेंद्र शर्मा ने किया।