Hindi Newsबिहार न्यूज़Ganga polluted from Ara to Katihar polluted water from 156 factories falling into river

आरा से कटिहार तक मैली हो रही गंगा, 156 फैक्ट्रियों का दूषित पानी नदी में गिर रहा

बिहार में गंगा नदी में कल-कारखानों की वजह से प्रदूषण फैल रहा है। आरा से लेकर कटिहार तक राज्य के विभिन्न जिलों में स्थित 156 फैक्ट्रियां अपना दूषित जल गंगा में गिरा कर उसे मैली कर रही हैं।

Jayesh Jetawat हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुर, कुंदन कुमारFri, 27 Sep 2024 05:04 AM
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बिहार में आरा से कटिहार तक के 156 फैक्ट्रियों के कारण रण गंगा ‘मैली’ हो रही है। आईआईटी बीएचयू और एनआईटी पटना सहित देश के 6 प्रतिष्ठित संस्थानों के अध्ययन में यह खुलासा हुआ है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश पर इसके लिए बिहार में सर्वे कराया गया। राज्य में गंगा के गुजरने वाले जिलों में नदी के प्रवेश और निकास द्वार पर सेंसर लगाकर बाढ़ आने से पहले मई महीने में अध्ययन किया गया। इसके बाद गंगा नदी में दूषित जल बहाने वाले 156 उद्योगों की जांच बिहार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अगस्त में कराई।

हालांकि, इन उद्योगों में से कई में दूषित जल को साफ करने की मशीन लगाई गई थी। लेकिन, मशीन से निकलने वाला पानी भी मानक के अनुरूप नहीं पाया गया। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव एस चंद्रशेखर ने सभी डीएम को उद्योगों पर कार्रवाई का आदेश दिया है। हालांकि बोर्ड ने यह भी कहा है कि पानी में बैक्टीरिया की जांच अभी प्रक्रियाधीन है।

बोर्ड ने कहा है कि उसने कुल 646 फैक्ट्रियों की पहचान की है, जहां से पानी का बहाव काफी होता है और उनकी मशीनों की जांच की जा रही है। वहीं, रिपोर्ट में बताया गया है कि बोर्ड ने 523 फैक्ट्रियों की जांच कराई है, जिनमें से बड़ी संख्या में उद्योग बंद मिले। बोर्ड ने सभी डीएम को उद्योगों को सीधे गंगा और उसकी उपवितरणी में दूषित जल नहीं बहाने का निर्देश देने को कहा गया है। साथ ही दूषित जल शहरी निकायों को शोधन के भेजने का निर्देश दिया।

पीएम और बैक्टीरिया पानी में कई गुना ज्यादा

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बताया है कि पानी में बैक्टीरिया (एफसी यानी फेकल कॉलिफार्म) की मात्रा पांच सौ से 2500 तक होनी चाहिए, लेकिन जांच में आरा में यह 92 हजार, भोजपुर में 22 हजार, सारण में 13 हजार, किशनगंज में 24 हजार, सोनपुर में 13 हजार, फतुहा में 92 हजार व कटिहार में 24 हजार मिला है। इन जिलों के पानी में पीएच का मान 7.5 तक अत्यधिक बताया गया है, लेकिन यह 7.57 से लेकर 7.88 के बीच पाया गया है। वहीं घुलनशील ऑक्सीजन की मात्रा चार से नीचे उपयुक्त है, लेकिन इन जिलों में दो के आसपास मिला है।

इन जिलों के उद्योग फैला रहे प्रदूषण

लखीसराय, बेगूसराय, बरौनी, शेखपुरा, खगड़िया, समस्तीपुर, पूर्णिया, अररिया, कटिहार, मधेपुरा, भागलपुर, जमुई, सीतामढ़ी, दरभंगा, पश्चिम चंपारण, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, जहानाबाद, गया, नवादा, पटना, नालंदा, बक्सर, कैमूर, वैशाली।

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