नेपाल में बारिश से बिहार के कई जिलों में फिर से बाढ़, मोतिहारी से सुपौल तक पानी से हाहाकार
संक्षेप: Bihar Floods: बिहार में बागमती, कोसी, कमला, बलान समेत अधवारा समूह की नदियां उफान पर हैं। मोतिहारी, सुपौल, अररिया, सीतामढ़ी, मधुबनी, मधेपुरा, सहरसा समेत कई जिलों में स्थिति विकट है।

Bihar Floods: नेपाल और राज्य के विभिन्न जिलों में जोरदार बारिश से बिहार एक बार फिर बाढ़ की चपेट में है। मोतिहारी, सुपौल, अररिया, सीतामढ़ी, शिवहर, दरभंगा, मधुबनी, मधेपुरा, सहरसा, किशनगंज, कटिहार समेत कई जिलों में हाहाकार मचा है। सैंकड़ों गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है जिससे फसलों का भारी नुकसान हुआ है। कई स्थानों पर सड़क और बांध टूट जाने से आवागमन प्रभावित हो गया है। बागमती, कोसी, कमला, बलान समेत अधवारा समूह की नदियां उफान पर हैं। बाढ़ प्रभावित परिवार ऊँचे स्थानों की ओर पलायन करने को मजबूर हैं।
नेपाल के जलअधिग्रहण क्षेत्र में पिछले दिनों से हो रही बारिश के कारण कोसी नदी एक बार फिर उफान पर है। भले ही कोसी बराज पर पानी का डिस्चार्ज काफी तेजी से घट रहा है लेकिन बराज से डिस्चार्ज हुआ पानी अब तटबंध के अंदर तबाही मचाने लगी है। रविवार आधी रात से ही सुपौल सदर प्रखंड, किशनपुर, मरौना और सरायगढ़ प्रखंड के करीब ढाई दर्जन से अधिक गांव में बाढ़ का पानी तेजी से फैल रहा है। इससे करीब 1 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं और उनमें बाढ़ से निपटने के लिए हायतौबा मची हुई है। हाल यह है कि तटबंध के अंदर से लोग पालयन कर पूर्वी कोसी तटबंध पर शरण लिए हुए हैं। प्लास्टिक के नीचे तंबू बनाकर रहने को मजबूर है। वहां इंसान और मवेशी में फर्क मिट गया है। बच्चों संग सामुदायिक किचन में खाना खा रहे हैं। पशुओं के लिए चारे की समस्या उत्पन्न होने लगी है। कोसी के अंदर जगह जगह सड़क पर पानी का बहाव हो रहा है। माइकिंग के माध्यम से बाढ़ प्रभावित लोगों को सतर्क रहने के साथ हीं ऊंचे स्थल पर पहुंचने का अपील किया जा रहा है। हर जगह पैनी नजर रखा जा रहा है।

अररिया में रविवार की देर रात पानी के दवाब के बीच फारबिसगंज के पिपरा पंचायत स्थित परमान नदी का बांध टूटने से तीन वार्ड के सैकड़ो घर और दरवाजे में पानी घुस गया है। पीड़ितों के बीच त्राहिमाम की स्थिति है। लोग सड़क पर उतर आए हैं और प्रशासन से राहत व सहायता की गुहार लगा रहे हैं । ग्रामीणों के अनुसार फिलहाल बांध अभी 10 से 15 मीटर टूटी है। देखरेख के अभाव में बांध के टूटने का आरोप ग्रामीण लगा रहे हैं। ग्रामीण बच्चों एवं सामानों के साथ-साथ मवेशी को भी ऊंचे स्थान पर ले जाना शुरू कर दिए हैं। इन सब के बीच फारबिसगंज अंचल अधिकारी पंकज कुमार ने बताया कि बाढ़ का जायजा लेने और स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। पीड़ित ग्रामीण घर बार छोड़ सड़क पर उतर आए हैं। लेकिन सड़क पर भी पानी के तेज बहाव के कारण लोगों को परेशानी हो रही है।

पूर्वी चंपारण में नेपाल की जान नदी के बाढ़ का पानी ढाका प्रखंड के कई गांवों में घुस जाने से स्थिति गंभीर होने लगी है। सड़कों पर पानी बह रहा है।हीरापुर के रास्ते आ र बाढ़ का पानी ढाका प्रखंड क्षेत्र के हीरापुर, महगुआ, गुरहनवा, भवानीपुर, दोस्तियां, तेलहारा कला सहित कई गांवों में फैल गया है। इन गांवों का सरेह जलमग्न है। गुरहनवा से हीरापुर, गुरहनवा से भवानीपुर, कुसमहवा से दोस्तियां जानेवाली सड़क के ऊपर पानी बहने से आवागमन बाधित है।पानी से सैकड़ों एकड़ में लगी धान की फसलें डूबने से किसानों की चिंता बढ़ गई है।आज ढाका प्रखंड क्षेत्र के अन्य कई नए इलाकों में पानी प्रवेश करने की आशंका है।देर रात तक प्रशासनिक अधिकारी स्थिति का जायजा लेते रहे।लालबकेया नदी के जलस्तर में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
मोतिहारी के सुगौली प्रखंड के कई क्षेत्रों में सिकरहना नदी का पानी तेजी से फैलने लगा है।सुगौली थाना में फैला बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है।बेलवतिया रघुनाथपुर मुख्य सड़क में धूनीअवाचाती व महवानी के पास निर्माणाधीन पुल के डायवर्सन पर करीब तीन फीट पानी का बहाव प्रारंभ हो गया है।साथ ही नगर पंचायत के सुगौली विशुनपुरवा पीपरपाती सड़क में कुरुमटोला के पास सुगौली बाजार अमीर खां टोला , नौवाडीह सड़क, बेलइठ सड़क पर भी करीब दो फीट पानी का बहाव हो रहा है। जिससे लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है। वहीं सुगौली नगर पंचायत के वार्ड संख्या एक, दो, तीन, ग्यारह, बारह, सात, चौदह, पन्द्रह,अठारह में भी बाढ का पानी प्रवेश करने लगा है।
मधुबनी जिले के झंझारपुर से गुजर रही कमला बलान नदी का जलस्तर सोमवार को इस साल के अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। नदी का जलस्तर खतरे के निशान (लाल निशान 50.50 मीटर) से 190 सेंटीमीटर ऊपर चला गया है और अभी भी इसमें लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है। वर्तमान में जलस्तर 52.40 मीटर है।
लगातार बढ़ते जलस्तर के कारण झंझारपुर को एनएच 57 से जोड़ने वाली लिंक रोड पर बने सड़क पुल पर पानी का भारी दबाव है। पुल का गर्डर पानी में डूब गया है। बाढ़ नियंत्रण विभाग के फ्लड कंट्रोल रूम के अनुसार, यदि जलस्तर में वृद्धि जारी रही, तो बाढ़ का पानी कभी भी पुल के ऊपर से बहना शुरू कर सकता है, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो जाएगा। इधर, रविवार से ही नदी के भीतर बसे नवटोलिया गांव की एकमात्र सड़क पर पानी का तेज बहाव शुरू हो गया है, जिससे गांव का संपर्क एनएच 27 से पूरी तरह भंग हो गया है।





