बिहार चुनाव से पहले हर जिले में संवेदनशील क्षेत्रों की हो रही पहचान, DM-SP को खास जिम्मेदारी
बिहार चुनाव: चुनाव आयोग के निर्देश के तहत मतदान तिथि से करीब एक हफ्ते पहले सेक्टर पदाधिकारियों को सेक्टर मजिस्ट्रेट की जिम्मेदारी दे दी जाएगी। वे मतदान के दिन क्षेत्र भ्रमण कर अधिक से अधिक मतदान सुनिश्चित कराने का प्रयास करेंगे।

बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए हर जिले में मतदान के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान शुरू हो गयी है। केंद्रीय निर्वाचन आयोग के निर्देश पर गृह विभाग ने सभी जिलों के डीएम-एसपी को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है। आयोग के निर्देशानुसार संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान के लिए हर 10 से 12 बूथ एक सेक्टर और सेक्टर पुलिस ऑफिसर को तैनात किया जाएगा। 90 हजार से अधिक मतदान केंद्रों को देखते हुए राज्य भर में करीब 09 हजार सेक्टर पदाधिकारी तैनात होंगे, जो स्थानीय प्रशासन, पुलिस, आम नागरिकों व राजनीतिक दलों के सहयोग से सेक्टर मैनेजमेंट प्लान तैयार करेंगे।
कमजोर इलाकों की पहचान करेंगे सेक्टर पदाधिकारी
निर्देश के मुताबिक हर सेक्टर पदाधिकारी अपने क्षेत्र में अधिक से अधिक मतदान कराने की जिम्मेदारी उठाएंगे। इसके लिए उनको अपने क्षेत्र के कमजोर (भेद्य) इलाके की पहचान करनी होगी। दबंगों के प्रभाव वाले इलाकों को चिह्नित कर उन क्षेत्रों में मतदाताओं का विश्वास बढ़ाने का प्रयास करना होगा। पिछले चुनाव के अनुभव के आधार पर सेक्टर पदाधिकारी कम मतदान वाले क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत बढ़ाने को लेकर भी प्रयास करेंगे। इसके लिए बुजुर्ग, महिला, दिव्यांग सहित अन्य लोगों को मतदान केंद्र तक लाने की अलग रणनीति तैयार की जाएगी।
चुनाव आयोग के निर्देश के तहत मतदान तिथि से करीब एक हफ्ते पहले सेक्टर पदाधिकारियों को सेक्टर मजिस्ट्रेट की जिम्मेदारी दे दी जाएगी। वे मतदान के दिन क्षेत्र भ्रमण कर अधिक से अधिक मतदान सुनिश्चित कराने का प्रयास करेंगे। कमजोर क्षेत्रों में मतदान को लेकर किसी तरह की समस्या दिखाई देने पर तत्काल जिला निर्वाचन पदाधिकारी और निर्वाची पदाधिकारी को इसकी जानकारी देनी होगी। उड़नदस्ता दल के साथ लगातार कमजोर क्षेत्रों की जांच करते हुए आवश्यक उपाय सुनिश्चित करेंगे।





