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सियारों को पकड़ने में 8 पिंजरे भी नाकाम, 6 दिन से दहशत में गांव वाले; अकेले बाहर ना जाने की सलाह

पशु चिकित्सक, डॉ राजीव रंजन ने कहा कि सियार के पकड़ने के बाद उसकी डीएनए जांच की जाएगी। ब्लड की जांच से यह पता चलेगा कि वह लोगों पर हमले क्यों कर रहा है?

Nishant Nandan हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुरMon, 9 Sep 2024 03:08 AM
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सियार के आतंक से छठे रोज भी ग्रामीण उबर नहीं पाए हैं। आधा दर्जन से अधिक गांवों के लोग दहशत में हैं। वन विभाग की टीम सियार को पकड़ने में पूरी तरह नाकाम दिख रही है। सर्च अभियान के नाम पर पिंजरों की संख्या बढ़ा दी है, फिर भी सियार पकड़ में नहीं आ रहा है। इधर, दहशत से बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं।

वन विभाग के पशु चिकित्सक डॉ. राजीव रंजन ने बताया कि हसन चक बंगरा से सटे नहर किनारे के जंगल में सुरक्षा के दृष्टिकोण से ग्रामीणों ने आग लगा दी है। इस वजह से पिंजरे को अब दूसरे जगह लगाया गया है। इलाके में 5 से 6 एकड़ का चौर है, इसमें उसे देख पाना थोड़ा मुश्किल है। हसनचक बंगरा और माधोपुर से सटे आधा दर्जन गांव के लोग रतजगा कर पटाखे फोड़ रहे हैं। आवारा बंगरा, महम्मदपुर मुबारक, मेथरापुर, भिखनपुरा, आगा नगर और चकभिक्खी गांव में शम होते पटाखे फोड़े जा रहे हैं।

आहार विचलन ने बनाया सियारों को उग्र

जंतु वैज्ञानिक प्रो. बीकेपी मिश्रा ने बताया कि सियारों के उग्र होने के दो प्रमुख कारण हो सकते हैं। आहार विचलन और खुद को महफूज करने का भाव। सियार ज्यादातर खेतों में रहना पसंद करते हैं। वहां रहते हुए उन्हें खरगोश, चूहा और बरसात के दिनों में मछली और केकड़ा आदि आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं, पर खेतों में मानक से अधिक कीटनाशक के उपयोग से ये सब जंतु खत्म होते जा रहे हैं। इस वजह से सियारों को आहार की तलाश में बस्ती की तरफ जाना पड़ रहा है। एक बात हमें याद रखना चाहिए कि सियार की घ्रांण (सूंघने) शक्ति बहुत तेज होती है। वह लगभग 20 किमी दूर से अपना शिकार सूंघ सकता है।

सियारों का होगा DNA टेस्ट

पशु चिकित्सक, डॉ राजीव रंजन ने कहा कि सियार के पकड़ने के बाद उसकी डीएनए जांच की जाएगी। ब्लड की जांच से यह पता चलेगा कि वह लोगों पर हमले क्यों कर रहा है? अबतक की जांच में पाया गया है कि सियार आदमखोर नहीं बना है। अगर वह आदमखोर बन गया होता तो दोपहर में भी हमले करता।

वन प्रमंडल पदाधिकारी. भरत चिंतापल्ली ने कहा कि सियार को पकड़ने के लिए माधोपुर सुस्ता में आठ पिंजरे लगाये जा चुके हैं। हसनचक बंगरा और माधोपुर सुस्ता में माइकिंग कर ग्रामीणों को सतर्क किया जा रहा है। उनसे कहा गया है कि सुरक्षा के लिहाज से अकेले किसी भी हालत में बाहर न निकलें।

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