आ गया उपेंद्र कुशवाहा का टाइम, 3 सितंबर को राज्यसभा उपचुनाव, दूसरी सीट से कौन बनेगा सांसद?
- राज्यसभा में बिहार की दो खाली सीटों के उप-चुनाव के लिए अधिसूचना जारी हो गई है। 3 सितंबर को चुनाव होंगे और नतीजे भी आएंगे। एनडीए गठबंधन का कैंडिडेट दोनों सीट जीत सकता है। बीजेपी ने अपने कोटे से उपेंद्र कुशवाहा को फाइनल कर रखा है। दूसरी सीट से जेडीयू किसे संसद भेजती है, सबकी नजर टिकी है।
काराकाट लोकसभा सीट से भोजपुरी गायक पवन सिंह के निर्दलीय लड़ने के कारण सीपीआई-माले के राजाराम सिंह कुशवाहा से चुनाव हार गए राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के संसद जाने का टाइम आ गया है। चुनाव आयोग ने राज्यसभा में बिहार की दो सीटों के लिए उप-चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विवेक ठाकुर ने नवादा और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की मीसा भारती ने पाटलिपुत्र लोकसभा सीट से जीत के बाद राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया था। आयोग ने नौ राज्यों की कुल 12 खाली सीटों पर अलग-अलग उप-चुनाव कराने की घोषणा की है। अलग चुनाव होने से एनडीए को दोनों सीट जीतने में कोई मुश्किल नहीं होगी। 14 अगस्त से नॉमिनेशन शुरू होगा और 27 अगस्त तक नाम वापस होगा। वोटिंग की नौबत आई तो 3 सितंबर को सात घंटे वोटिंग होगी और शाम 5 बजे मतगणना के बाद नतीजे घोषित हो जाएंगे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में सरकार चला रहे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) गठबंधन के पास बिहार विधानसभा में बहुमत है। गठबंधन में और दल हैं लेकिन सदन में भाजपा, जेडीयू और हम के ही विधायक हैं। नीतीश सरकार को एक निर्दलीय का समर्थन भी है। जनवरी में एनडीए सरकार बनने के बाद नीतीश को फ्लोर टेस्ट में 129 वोट मिले थे जिसमें 3 वोट आरजेडी के बागी विधायक चेतन आनंद, नीलम सिंह और प्रह्लाद यादव ने दिए थे। विपक्ष के पास 112 वोट ही बचे थे। अब सुधाकर सिंह, सुरेंद्र यादव जैसे विपक्ष के कुछ और विधायक सांसद बन गए हैं। ऐसे में राज्यसभा की दोनों सीट पर अलग-अलग चुनाव की वजह से एनडीए के दोनों कैंडिडेट की जीत तय मानी जा रही है।
नीतीश की पार्टी जेडीयू में आरसीपी की जगह लेंगे मनीष वर्मा? जानिए, दोनों नेताओं में क्या हैं समानताएं
लोकसभा चुनाव के दौरान कुशवाहा वोट में इंडिया गठबंधन की भारी सेंधमारी के बाद भाजपा ने पहले ही रालोमो अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को राज्यसभा भेजने का ऐलान कर रखा है। दूसरी सीट से नीतीश कुमार की जेडीयू का कोई कैंडिडेट राज्यसभा जा सकता है। एक चर्चा तो मनीष वर्मा की है जिन्हें जेडीयू में शामिल होने के बाद नीतीश ने पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया है। आईएएस अफसर रहे मनीष वर्मा नीतीश की जाति और गृह जिला नालंदा के हैं। लोकसभा चुनाव में पार्टी के काम को उन्होंने पर्दे के पीछे से हैंडल किया है। जेडीयू में आजकल जब नीतीश के उत्तराधिकारी की बात चलती है तो मनीष वर्मा का भी नाम आता है। नीतीश अपने फैसलों से सबको चौंकाते हैं। राज्यसभा की दूसरी सीट पर वो आम अनुमान के मुताबिक चलते हैं या सरप्राइज देते हैं, ये देखना दिलचस्प होगा।
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