
बेलगाम बोलते थे दुलारचंद यादव, पुराने तीखे वीडियो वायरल; अनंत के भाई दिलीप सिंह से लड़े थे चुनाव
संक्षेप: मोकामा में चुनाव प्रचार के दौरान मारे गए पुराने बाहुबली दुलारचंद यादव की हत्या के बाद उनके भाषण और इंटरव्यू के पुराने वीडियो वायरल हो रहे हैं। इन वीडियो में उनके बोलने का लहजा बेलगाम है, जो सामने वाले को चुभ सकता है।
पटना जिले की मोकामा विधानसभा सीट के टाल इलाके में पुराने बाहुबली दुलारचंद यादव की हत्या के बाद उनके इंटरव्यू के कई पुराने वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं। एक जमाने में सरदार नाम से मशहूर दुलारचंद के बोलने का तौर-तरीका बेलगाम रहा है। वायरल वीडियो में दुलारचंद यादव विरोधियों के बारे में जिस लहजे में बोलते दिख रहे हैं, सामने वाले को कई बात चुभने लायक हैं। दुलारचंद बातचीत में किसी का भी नाम लेने या जातियों की चर्चा करने में कोई परहेज नहीं करते। बिना लाग-लपेट बात करने का अंदाज एक तरफ उन्हें चर्चित दबंग बनाता था तो दूसरी ओर विरोधियों को भड़काता भी था।

वायरल वीडियो में दुलारचंद यादव जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के कैंडिडेट अनंत सिंह, अनंत सिंह की विधायक पत्नी नीलम देवी, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की उम्मीदवार वीणा देवी के पति व पूर्व सांसद सूरजभान सिंह वगैरह के बारे में बेलाग बात करते नजर आ रहे हैं। चुनौती देने जैसी बातें भी हैं। दुलारचंद कुछ-कुछ ऐसी चीजें भी कह रहे हैं, जिसे सुनकर कोई चिढ़ सकता है। दुलारचंद तेजस्वी यादव की सरकार बनने का दावा और कई सीटों पर राजद-महागठबंधन का समर्थन कर रहे थे। लेकिन मोकामा सीट पर दुलारचंद यादव जन सुराज पार्टी (जेएसपी) के पीयूष प्रियदर्शी का प्रचार कर रहे थे।
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दुलारचंद यादव 1990 में पहली बार मोकामा से विधानसभा चुनाव अनंत सिंह के भाई दिलीप सिंह के खिलाफ ही लड़े थे। तब लालू यादव जनता दल के नेता थे और उन्होंने दिलीप सिंह को लड़ाया था। वो जीते, मंत्री भी बने। दुलारचंद यादव लोकदल (बहुगुणा) से चुनाव लड़े थे और 21 हजार 648 वोट लाकर तीसरे नंबर पर रहे थे। उसके बाद दुलारचंद विधानसभा नहीं लड़े और कभी नीतीश कुमार तो कभी लालू यादव की पार्टी का समर्थन करते रहे।
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दुलारचंद इस चुनाव में पीयूष प्रियदर्शी को राजद से टिकट दिलाने की कोशिश में थे। सूरजभान के पाला बदलकर राजद में आने और वीणा देवी के लिए टिकट लेने से लालू यादव और तेजस्वी यादव का मोह छोड़कर पीयूष ने प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी से टिकट ले लिया। धानुक जाति के पीयूष मोकामा में प्रभावी कुर्मी समाज में जगह बना रहे हैं। लोकसभा चुनाव में पीयूष ने निर्दलीय लड़कर लगभग 15 हजार वोट लाया था। मोकामा में यादव और धानुक वोटर एक साथ वोट नहीं करते हैं। दुलारचंद और पीयूष का साथ नए राजनीतिक समीकरण बना रहा था। एक तरफ धानुक वोट का नुकसान जेडीयू के लिए चिंता की बात थी, तो दूसरी तरफ यादव वोट का टूट राजद के लिए परेशान का विषय था।
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अनंत सिंह और सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी के खिलाफ पीयूष प्रियदर्शी के तनकर लड़ने की सबसे बड़ी वजह दुलारचंद यादव का समर्थन था। दुलारचंद यादव ने पीयूष को बाहुबलियों से नहीं डरने और जरूरत पड़ने पर लड़ने का भरोसा दे रखा था। अनंत सिंह समेत 80 से ऊपर लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। बिहार पुलिस ने कहा है कि पीयूष प्रियदर्शी भी अरेस्ट होंगे। ऐसे में दुलारचंद की हत्या के बाद यादव, भूमिहार और धानुक वोटरों के बीच किस तरह की प्रतिक्रिया होती है, किस तरह से गोलबंदी होती है, यह चुनाव नतीजों से ही पता चलेगा।





