…कहीं पुलिस को ना बता दें, डर से अपराधियों ने पटना में किया डबल मर्डर, डेड बॉडी ऑटो में डाल घूमते रहे
अपराधी दोनों को पकड़ कर गली के पीछे ले गए और गोली मारकर उनकी हत्या कर दी। आरोपितों ने बताया कि वे देवराज को नहीं मारने चाहते थे। लेकिन उन्हें डर था कि देवराज कहीं पुलिस को घटना के बारे में न बता दें।
बिहार की राजधानी पटना में दीघा थाना क्षेत्र के रामजीचक इलाके में बीते दिनों अपराधियों ने मामूली बात पर दो लोगों की हत्या कर दी। बदमाशों ने गोली-गलौच करने पर एक युवक की पिटाई की और जब दूसरे शख्स ने इसे देख लिया तो दोनों की हत्या कर दी गई। हत्या के बाद बदमाशों ने दोनों की लाश बोरे में डाल दी और ऑटो से उसे दीघा श्मशान घाट ले गए। वहीं शवों को गंगा में फेंक दिया।
दोनों शव अबतक बरामद नहीं हुए हैं। पर घटना से जुड़ी कुछ तस्वीरें सीसीटीवी फुटेज में कैद हो गई। इसी आधार पर पुलिस को हत्या की वारदात का पता चला। बाद में पुलिस ने इसमें शामिल तीन अपराधियों को तकनीकी जांच के आधार पर ढूंढ निकाला और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। सिटी एसपी चंद्र प्रकाश ने बताया कि घटना के कई अपराधियों की संलिपत्ता सामने आई है। इनमें तीन को गिरफ्तार लिया गया है। एक पिस्टल, पांच कारतूस और दो मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं। अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।
मूल रूप से समस्तीपुर निवासी देवराज कुमार सिंह उर्फ जॉनी (20) नोएडा में रहते थे। समस्तीपुर से वह अपने जीजा के पास दीघा के रामजीचक इलाके में आए हुए थे। बीते तीन अगस्त को वह लापता हो गए। काफी खोजबीन के बाद जब कोई अता-पता नहीं चला तो रामजीचक निवासी जीजा सुजीत कुमार राय ने इसकी लिखित शिकायत पांच अगस्त को दीघा थाने में की। मामला संज्ञान में आने के बाद पुलिस ने इलाके में लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला तो तीन अगस्त को दो व्यक्ति एक युवक को ले जाते दिखे। दूसरे सीसीटीवी कैमरे में चार अपराधियों द्वारा दो युवकों को ले जाते देखा गया। सुजीत कुमार ने इनमें से एक युवक की पहचान देवराज कुमार सिंह के रूप में की।
अथमलगोला में छुपे थे आरोपित
सिटी एसपी ने बताया कि हत्या की गुत्थी को सुलझाने के लिए डीएसपी विधि-व्यवस्था-2 के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई। पुलिस वैज्ञानिक अनुसंधान और सीडीआर की मदद से आरोपितों के पता लगने में जुटी थी। जांच में पता चला कि वारदात में शामिल कुछ अपराधी अथमलगोला में छुपे हुए हैं। जिसके बाद पुलिस की टीम ने छापेमारी कर पहले रामजीचक निवासी विनय और अथमलगोला निवासी हरेराम राय को गिरफ्तार कर लिया।
उनकी निशानदेही पर बाद में दानापुर नासरीगंज के रहने वाले आनंद उर्फ बंटी कुमार दबोचा गया। पूछताछ में आरोपित ने बताया कि घटना वाले दिन उनके अलावा पंकज राय, संदीप और दीपू रामजीचक के पटेल गली चौराहा पर खा-पी रहे थे। तभी एक युवक नशे की हालत में वहां आया और शोर मचाने लगा था। आरोपितों ने उसे शोर मचाने से रोका तो युवक गाली-गलौच करने लगा। इससे गुस्साए बदमाशों ने युवक की जमकर पिटाई करनी शुरू कर दी।
गिरफ्तारी से बचने के लिए शवों को गंगा में फेंका
घटना के वक्त देवराज वहां से गुजर रहे थे। युवक के साथ मार-पीट होता देख वह डर कर भागने लगे। जिसके बाद अपराधी दोनों को पकड़ कर गली के पीछे ले गए और गोली मारकर उनकी हत्या कर दी। आरोपितों ने बताया कि वे देवराज को नहीं मारने चाहते थे। लेकिन उन्हें डर था कि देवराज कहीं पुलिस को घटना के बारे में न बता दें।
लिहाजा गिरफ्तारी के डर से दोनों की हत्या कर दी और साक्ष्य छुपाने के लिए पंकज राय और दीपू एक टेम्पो में युवकों के शव रखकर दीघा श्मशान घाट पर ले गए और उन्हें गंगा में फेंक दिया। पुलिस ने आरोपितों की निशानदेही पर पंकज राय के रामजीचक स्थित घर में छापेमारी की जहां से हथियार और कारतूस बरामद हुए।
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