
प्रशांत किशोर के आरोपों पर दिलीप जायसवाल ने तोड़ी चुप्पी, बोले- यह सोची-समझी साजिश है
संक्षेप: दिलीप जायसवाल ने कहा है कि छह जुलाई से एक बहुत ही सोची-समझी राजनीतिक साजिश के तहत उनकी छवि को धूमिल करने के लिए आरोप लगाए जा रहे हैं। तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है।
जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर ने बीजेपी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। 6 जुलाई को प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीके ने जायसवाल पर माता गुजरी देवी मेडिकल कॉलेज पर कब्जा कर लेने का दावा किया था। अब बीजेपी नेता पर राजेश साह नामक युवक हत्या की में शामिल होने का आरोप लगा दिया है। प्रशांत के आरोपों को दिलीप जायसवाल निराधार बताया है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल ने अपने एक्स हैंडल पर जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर द्वारा उनपर लगाये गए आरोपों पर जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि - छह जुलाई से एक बहुत ही सोची-समझी राजनीतिक साजिश के तहत मेरी छवि को धूमिल करने के लिए मुझ पर आरोप लगाए जा रहे हैं। तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है, ताकि जनता को गुमराह किया जा सके। लेकिन स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि मेरे ऊपर लगाए गए सभी आरोप झूठे, निराधार और राजनीतिक लाभ के उद्देश्य से प्रेरित हैं। देश की संवैधानिक संस्थाओं पर पूरा भरोसा है। हकीकत तथ्यों पर आधारित होती है, अफवाहों पर नहीं।
शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रशांत किशोर ने कहा कि 2007 में राजेश साह घर के बगल में जमीन खरीद बिक्री को लेकर विवाद हुआ। राजेश ने उसका विरोध किया। एक दिन राजेश के दोस्त उसे दुर्गा पूजा की तैयारी के नाम पर घर से मोटरसाइकिल से ले गए। फिर खबर मिलती है कि भीड़ में उसे पीटा गया और दिलीप जायसवाल के ही MGM अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दिलीप जायसवाल ने ही पुलिस को कॉल कर कहा कि एक युवक को भीड़ पीट रही है। बाद में परिवार को दो दिनों तक मिलने भी नहीं दिया गया। फिर पुलिस ने राजेश साह पर ही आरोप लगाया कि वो दिलीप जायवाल की हत्या के लिए पिस्टल लेकर गया था, लेकिन उनके समर्थकों की पिटाई में घायल हो गया। आज तक जानकारी नहीं मिली कि राजेश की मौत पिटाई से हुई या उसे अस्पताल में ही जहर दे दिया गया।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजेश साह की मां और बहन ने भी मीडिया के सामने अपनी बात रखी और दिलीप जायसवाल पर गंभीर आरोप लगाए। रोते हुए बहन ने बताया कि उसे अपने भाई का मुंह भी नहीं देखने दिया गया। इस मामले में एफआईआर दर्ज होने में एक साल लग गए। शिकायत करने गई तो एसपी ने कहा कि शादी करके जिन्दगी बसाओ, केस मुकदमे के चक्कर में मत पड़ो।





