
तेजस्वी ने समझाया या राहुल गांधी खुद मंदिर न जाकर खानकाह मस्जिद गए; बीजेपी ने पूछा
संक्षेप: वोटर अधिकार यात्रा के दौरान मुंगेर में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत राहुल गांधी के मंदिर ना जाकर खानकाह मस्जिद जाने को लेकर सियासत तेज हो गई है। बीजेपी ने पूछा है कि मंदिर ना जाकर मस्जिद जाने का निर्णय राहुल ने खुद लिया, या तेजस्वी ने समझाया, या फिर भारत से बाहर बैठे किसी तीसरे ने सुझाव दिया।
बिहार में वोटर अधिकार यात्रा के दौरान मुंगेर जिले की खानकाह मस्जिद में राहुल गांधी के जाने को लेकर सियासत तेज हो गई। बीजेपी ने इस मामले पर जवाब मांगा है। भाजपा का कहना है कि राहुल और तेजस्वी का खानकाह मस्जिद जाने का निर्धारित कार्यक्रम नहीं था, बल्कि हनुमान मंदिर जाने का था। ऐसे में राहुल बताएं कि मंदिर छोड़ मस्जिद जाने का निर्णय खुद का था, या फिर तेजस्वी ने समझाया था या फिर भारत से बाहर बैठे किसी शख्स ने समझाया था।

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि वोटर अधिकार यात्रा के दौरान मुंगेर में राहुल गांधी का खानकाह मस्जिद जाने का निर्धारित कार्यक्रम नहीं था, बल्कि हनुमान मंदिर जाने का था। ऐसे में हम ये पूछना चाहते हैं, कि हनुमान मंदिर में जाने का कार्यक्रम था या नहीं पहले ये स्पष्ट करें। जानकारी के अनुसार पप्पू यादव ने वो कार्यक्रम दिया था। मैं यह पूछना चाहता हूं राहुल गांधी से आप मंदिर नहीं गए, खानकाह मस्जिद गए, हमें कोई भी आपत्ति नहीं है, किसी भी धर्म स्थल पर जाइए। लेकिन मंदिर ना जाकर मस्जिद जाना ये आपका खुद का निर्णय था, या फिर तेजस्वी यादव ने आपको समझाया।
सुधांशु ने कहा कि मुंगेर में मान्यता प्राप्त एक शक्तिपीठ भी है। वहां भी जाना उचित नहीं समझा। हम पूछना चाहते हैं, कि आपका खुद का निर्णय है, या तेजस्वी ने समझाया है। या किसी और व्यक्ति ने समझाना का प्रयास किया है। या फिर भारत से बाहर बैठकर भी कई लोग समझाने का प्रयास करते हैं। उनके किसी के प्रभाव में तो नहीं हैं।
आपको बता दें जब राहुल और तेजस्वी मुंगेर पहुंचे तो उन्होंने वहां की मशहूर खानकाह रहमानी मस्जिद का दौरा किया था। इस दौरान उनकी एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। जिसमें राहुल गांधी बिल्कुल उसी जगह बैठे नजर आ रहे हैं, जहां कभी उनके पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी बैठे थे। खानकाह रहमानी मस्जिद का गांधी परिवार से पुराना नाता है। साल 1985 में राजीव गांधी यहां आए थे और उन्होंने यहीं बैठकर स्थानीय लोगों से मुलाकात की थी। और अब चार दशक बाद राहुल गांधी की वही तस्वीर सामने आने से लोग इसे इतिहास दोहराए जाने जैसा मान रहे हैं। इस दौरान तेजस्वी यादव भी मौजूद रहे।





