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बिहार में गधे की मौत पर मुआवजे की मांग; 55 के खिलाफ एफआईआर, जानें क्या है मामला?

बक्सर में करंट लगने से गधे की मौत पर हंगामा करने और तीन घंटे तक बिजली आपूर्ति बाधित करने के आरोप में 55 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। ग्रामीणों का कहना है कि बिजली विभाग की लापरवाही से कई मवेशी करंट से मर चुके हैं। ऐसे में गधे की मौत का मुआवजा मिलना चाहिए।

sandeep हिन्दुस्तान, बक्सरSat, 21 Sep 2024 07:22 PM
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बिहार के बक्सर जिले के केसठ प्रखंड में कथित तौर पर करंट लगने से गधे की मौत पर हंगामा करने और क्षेत्र में तीन घंटे से अधिक समय तक बिजली आपूर्ति बाधित करने के आरोप में 55 ग्रामीणों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। बक्सर के पुलिस अधीक्षक शुभम आर्य ने जानकारी देते हुए बताया कि घटना के तुरंत बाद इलाके के चकौदा पावर ग्रिड स्टेशन के बाहर बड़ी संख्या में ग्रामीण एकत्र हुए और मुआवजे की मांग करने लगे। कुछ ग्रामीण पावर ग्रिड कार्यालय में घुस गए और इलाके की बिजली आपूर्ति बंद कर दी। उन्होंने बताया कि यह घटना 11 सितंबर को हुई थी।

अधिकारी ने बताया कि बाद में राज्य बिजली विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ग्रामीणों के खिलाफ बिजली आपूर्ति बाधित करने और सरकारी कर्मचारियों के काम में बाधा उत्पन्न करने की शिकायत दर्ज कराई। राज्य बिजली विभाग के संबंधित एसडीओ की शिकायत के आधार पर पुलिस ने 65 ग्रामीणों के खिलाफ तीन घंटे तक इलाके में बिजली आपूर्ति बाधित करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है। स्थानीय पुलिस अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद तीन घंटे से बाधित बिजली की आपूर्ति बहाल की जा सकी। ग्रामीणों ने इस मुद्दे पर 13 सितंबर को बिजली विभाग के अधिकारियों के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई थी। पुलिस द्वारा मामले की आगे जांच की जा रही है।

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बीते 11 सितंबर को स्थानीय प्रखंड के रामपुर गांव में लोहे के बिजली के पोल में अचानक करंट प्रवाहित होने लगा। दो गधे पोल में सटते ही करंट की चपेट में आ गए। एक की मौत हो गई, वहीं दूसरा बुरी तरह झुलस गया। घटना के बाद ग्रामीण आक्रोशित हो गए और पावर ग्रिड पर पहुंच प्रदर्शन किया। बिजली सप्लाई बाधित कर दी गई। ग्रामीणों का कहना था कि बिजली कंपनी की लापरवाही के कारण यह घटना हुई है। गधों को बचाने में तीन आदमी भी करंट की चपेट में आकर जख्मी हो गए।

रतन रजक ने बताया कि वह हाल ही में 80 हजार रुपए में एक गधा खरीदकर लाया था। इससे वह ईंट-भट्ठे पर ईंट ढोने का काम कर अपने परिवार की रोजी-रोटी चलाता था। प्रदर्शन करने वालों में पंचायत की मुखिया के प्रतिनिधि बसंत पांडेय, बीडीसी मंजू कुमारी, सरपंच विष्णु देव पासवान भी शामिल थे। मुखिया प्रतिनिधि का कहना है कि बिजली कंपनी की लापरवाही के कारण इस पंचायत में अब तक करीब आधे दर्जन पशुओं की जान जा चुकी है।

बिजली कंपनी के अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई कि जर्जर तारों को बदलने के साथ ही ट्रांसफार्मर पर स्विच लगाने की जरूरत है। लेकिन, आवेदन देने के बाद भी इस दिशा में कोई पहल नहीं की गई। इसके बाद ग्रामीणों ने पावर ग्रिड पर प्रदर्शन किया। कंपनी के कनीय अभियंता अविनाश कुमार ने पांच लोगों पर नामजद और 50 अज्ञात लोगों पर वासुदेवा ओपी में एफआईआर दर्ज कराई है। वहीं प्रदर्शन की वजह से करीब तीन घंटे तक बिजली की सप्लाई बाधित रही। इससे बिजली कंपनी को करीब 1 लाख 44 हजार की क्षति हुई।

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