ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News बिहार दरभंगाजाले केवीके के वैज्ञानिक ने दिये बेहतर खेती के टिप्स

जाले केवीके के वैज्ञानिक ने दिये बेहतर खेती के टिप्स

जाले। जाले कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष सह वरीय कृषि वैज्ञानिक डॉ. दिव्यांशु शेखर...

जाले केवीके के वैज्ञानिक ने दिये बेहतर खेती के टिप्स
हिन्दुस्तान टीम,दरभंगाThu, 22 Jul 2021 11:32 PM
ऐप पर पढ़ें

जाले। जाले कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष सह वरीय कृषि वैज्ञानिक डॉ. दिव्यांशु शेखर ने रतनपुर गांव में गुरुवार को जलवायु अनुकूल खेती परियोजना के तहत लगाए गए धान की फसलों का अवलोकन किया। उन्हें युवा किसान मुनीन्द्र ठाकुर, रंजीत ठाकुर, गोविंद ठाकुर, पुरुषोत्तम कुमार आदि ने बताया कि शुरुआत में अत्यधिक बारिश की वजह से धान के बिचड़े डूब गए। रोपे गए अगात धान के पौधे भी डूब गए। बिचड़े की घोर किल्लत हो गई थी, फिर दोबारा बिचड़े लगाकर उन लोगों ने धान की रोपनी शुरू की है। जमीन के ऊंचे हिस्से में पानी का अभाव सा हो रहा है और निचले हिस्से में जलजमाव की वजह से अभी तक धान के रोपनी नहीं हो पाई है । किसानों ने उनसे खेतों में खर पतवार की वृद्धि और धान के पौधों में लगने वाले कीटों के बारे में भी बताया। ऐसे करें खर पतवार व कीटों पर नियंत्रण : डॉ. दिव्यांशु शेखर ने किसानों को बताया कि कहीं कहीं ऐसा देखा गया है कि ऊंचे हिस्से वाली जमीन के लगे धान के पौधों को दीमक नुकसान कर रहा है। ऐसे में किसानों को सिचाई के जल के साथ क्लोरपाईिरफॉस बीस प्रतिशत ई सी की ढाई लीटर मात्रा को प्रति हेक्टेयर की दर से प्रयोग करना चाहिए। वहीं जिन किसानों के खेतों में झुलसा रोग के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, वे जल्द से जल्द खेत से जल की निकासी कर स्ट्रिपोसाइक्लिन पंद्ह ग्राम को चार सौ से पांच सौ लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें। डॉ. दिव्यांशु ने खरपतवार नियंत्रण के लिए स्पाइरी बैंक सोडियम दस प्रतिशत, एसी 0.20 लीटर रोपनी के पंद्ह से बीस दिन बाद प्रति हेक्टेयर की दर से लगभग पांच सौ लीटर पानी में घोलकर नमी की स्थिति में छिड़काव करना चहिए।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें