नगर की वैष्णवी शक्तिपीठ है मन:पूर्णी माता मंदिर
दरभंगा जंक्शन से पश्चिम हराही तालाब के पश्चिमी किनारे पर स्थित दुर्गा मंदिर में मन: पूर्णी माता की आराधना तकरीबन 200 वर्षों से होती आ रही है। ये जानकारी देते हुए मंदिर के प्रधान पुजारी डॉ प्रकाश...
दरभंगा जंक्शन से पश्चिम हराही तालाब के पश्चिमी किनारे पर स्थित दुर्गा मंदिर में मन: पूर्णी माता की आराधना तकरीबन 200 वर्षों से होती आ रही है। ये जानकारी देते हुए मंदिर के प्रधान पुजारी डॉ. प्रकाश ठाकुर ने बताया कि मेरे परिवार की पांचवीं पीढ़ी अब माता की आराधना में लगी हुई है। इस मंदिर में वर्षों से वैष्णवी पद्धति के आधार पर मां दुर्गा की आराधना होती आ रही है। पंडित श्री ठाकुर कहते है कि इस मंदिर में माता मन:पूर्णी की प्रतिमा का सालों भर सभी नवरात्रों में अनुष्ठान पूर्वक पूजा होती रहती है और भक्तों के आने-जाने का सिलसिला लगा ही रहता है। माता मन:पूर्णी के दरबार में आने वाले कोई भी भक्त आज तक निराश होकर नहीं गया है। शुक्रवार को विशेष अनुष्ठान संपन्न होने के उपरांत पंडित ने बताया कि इस स्थल पर तंत्र साधना की भी परंपरा रही है और लोग गुप्त साधना के तहत अपनी आराधना भी करते रहे हैं। विशेष रूप से छात्र-छात्राएं, असाध्य रोगी माता के दरबार में पहुंचकर अपनी विनती करते हैं और मैया उनके कष्टों को हमेशा दूर करती रही है। पंडित श्री ठाकुर ने बताया कि इस स्थल पर तकरीबन 200 वर्षों से माता की आराधना होती आ रही है और अब यह नगर का वैष्णवी शक्तिपीठ बन चुका है इस स्थल पर पहुंचकर माता को प्रणाम करने वाले सभी भक्त धन्य महसूस करते हैं।