विद्यापति सेवा संस्थान ने दी भावपूर्ण श्रद्धांजलि
दरभंगा में जनकवि बाबा यात्री-नागार्जुन की पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में डॉ. बैद्यनाथ चौधरी ने उनकी रचनाओं और भाषाई विविधता पर चर्चा की। उन्होंने नागार्जुन को भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग की।...
दरभंगा। यात्री-नागार्जुन वास्तव में जनता की व्यापक राजनीतिक आकांक्षा से जुड़े विलक्षण कवि थे। उनका विभिन्न भाषाओं पर न सिर्फ गजब का एकाधिकार था बल्कि उनकी रचनाओं में देसी बोली के ठेठ शब्दों से लेकर संस्कृतनिष्ठ शास्त्रीय पदावली तक उनकी भाषा के अनेक स्तर थे। यही कारण रहा कि मैथिली के अलावा हिन्दी, बंगला और संस्कृत में आम जन की आकांक्षाओं के पात्रों को केन्द्र में रखकर उन्होंने बहुत कुछ अलग से लिखा। ये बातें विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव डॉ. बैद्यनाथ चौधरी ने मंगलवार को जनकवि बाबा यात्री-नागार्जुन की पुण्यतिथि पर विद्यापति सेवा संस्थान के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में कही। उन्होंने बाबा नागार्जुन को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने की मांग दोहरायी।
वरिष्ठ साहित्यकार मणिकांत झा, लनामिवि के पीजी मैथिली विभाग के अध्यक्ष डॉ. दमन कुमार झा, डॉ. अशोक कुमार मेहता, विवि के भू-सम्पदा पदाधिकारी डॉ. कामेश्वर पासवान, बालेन्दु झा, चंद्रशेखर झा बूढ़ा भाई, दुर्गा नंद झा व संस्थान के मीडिया संयोजक प्रवीण कुमार झा ने भी विचार रखे। इससे पहले सभी ने लनामिवि के केंद्रीय पुस्तकालय परिसर में स्थापित बाबा नागार्जुन की प्रतिमा पर फूल-माला अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
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