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हजारों छात्राएं हो सकती हैं छात्रवृत्ति से वंचित

ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा बार-बार स्मारित किये जाने के बाद भी करीब आधे अंगीभूत और आधा दर्जन संबद्ध महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यों ने निर्धारित समय सीमा के अंदर मुख्यमंत्री...

हजारों छात्राएं हो सकती हैं छात्रवृत्ति से वंचित
हिन्दुस्तान टीम,दरभंगाMon, 14 Jan 2019 05:59 PM
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ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा बार-बार स्मारित किये जाने के बाद भी करीब आधे अंगीभूत और आधा दर्जन संबद्ध महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यों ने निर्धारित समय सीमा के अंदर मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के तहत छात्राओं से प्राप्त आवेदन विश्वविद्यालय को विहित प्रपत्र में उपलब्ध नहीं कराया है। विश्वविद्यालय में आवेदन प्राप्त करने की अंतिम तिथि 10 जनवरी तक निर्धारित थी। इसे छात्राओं की सुविधाओं के प्रति कुछ प्रधानाचार्यों की उदासीनता के रूप में देखा जा रहा है।

इस योजना के तहत 25 अप्रैल 2018 के बाद स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण सभी छात्राओं के खाते में सरकार प्रति छात्रा 25 हजार रुपये जमा कर देगी। विश्वविद्यालय क्षेत्रांतर्गत 42 अंगीभूत कॉलेजों में से सिर्फ 22 कॉलेज और 28 संबद्ध कॉलेजों में से 23 कॉलेजों से आवेदन प्राप्त हुए हैं। अब तक 20 अंगीभूत और पांच संबद्ध कॉलेजों के आवेदन प्राप्त नहीं हुए हैं। अब तक प्राप्त आवेदनों के अनुसार अंगीभूत कॉलेजों से 6468 तथा संबद्ध कॉलेजों की 7323 छात्राओं ने छात्रवृत्ति के लिए आवेदन किया है। शहर के सीएम साइंस कॉलेज, आरके कॉलेज, मधुबनी, महिला कॉलेज, समसस्तीपुर, जेएन कॉलेज,मधुबनी, एसबीएसएस कॉलेज, बेगूसराय सहित 20 अंगीभूत कॉलेजों से विहित प्रपत्र में छात्राओं के आवेदन नहीं भेजे गये हैं। इधर, छात्र कल्याण के अध्यक्ष प्रो. रतन कुमार चौधरी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि एक बार फिर तिथि विस्तारित कर 15 जनवरी तक कॉलेजों को आवेदन भेजने के लिए अवसर दिया गया है। इसके बाद आये आवेदनों को सरकार के पास भेजना संभव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि कॉलेजों को आवेदन भेजने के लिए काफी समय दिया जा चुका है और अगर इसके बाद भी आवेदन प्राप्त नहीं होंगे तो इसके लिए संबंधित कॉलेज प्रशासन जिम्मेवार होगा।

छात्राओं को दो बार करना पड़ा आवेदन: मालूम हो कि राज्य सरकार ने विश्वविद्यालयों को इस योजना के संबंध में पत्र लिखा था। इसी पत्र के आलोक में विश्वविद्यालय ने सभी अंगीभूत एवं संबद्ध कॉलेजों के प्रधानाचार्यों को फिर से पत्र भेजा।

पत्र में कहा गया कि कन्या उत्थान योजना से सम्बन्धित राज्य सरकार के पत्रांक 15/ पी 5-07/2018-1301 दिनांक 25-07-2018 के आलोक में विश्वविद्यालय के सभी अंगीभूत एवं संबद्ध महाविद्यालयों से पूर्व में नौ बिन्दुओं पर जानकारी मांगी गयी थी। बाद में राज्य सरकार शिक्षा विभाग के पत्रांक 15 / पी 5-07 / 2018 (अंश-1)-2070 दिनांक 20-11-218 के आलोक में विश्वविद्यालय के पत्रांक छा. क. -4226 - 96 / 18 दिनांक 18-12-18 द्वारा कुल बारह बिन्दुओं पर सूचनाएं तथा छात्रा के संबंधित बैंक खाते की पासबुक के प्रथम पृष्ठ की छायाप्रति मांगी गयी थी जिसे महाविद्यालयों को दिनांक 10 जनवरी तक छात्र कल्याण कार्यालय में जमा करना है। उन्हीं छात्राओं के संबंध में सूचनाएं मांगी गयी थीं जो 25 अप्रैल 2018 के उपरान्त स्नातक उतीर्ण हों। पूर्व पत्र के आलोक में महाविद्यालयों से प्राप्त विवरणी के अवलोकनोपरान्त ऐसा देखा गया है कि कई महाविद्यालयों ने विहित प्रपत्र में मांगी गई पूर्ण जानकारी नहीं दी है। अत: सभी प्रधानाचार्यों से आग्रह है कि विहित प्रपत्र में कुल बारह बिन्दुओं में मांगी गयी सूचनाओं को साफ-साफ भरकर छात्र कल्याण अध्यक्ष के कार्यालय में 10 जनवरी तक निश्चित रूप से जमा कर दें ताकि राज्य सरकार को ससमय मांगी गयी जानकारी भेजी जा सके। विवरणी तीन प्रति हार्ड कॉपी तथा तीन सीडी के साथ जमा करना है।

जिन महाविद्यालयों द्वारा इस पत्र का अनुपालन नहीं किया जायेगा उनके महाविद्यालयों की छात्राएं इस योजना के लाभ से वंचित रह जाएंगी। इसके लिए उनके प्रधानाचार्य जिम्मेवार होंगे।

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