लाश आते ही अम्बा गांव में मचा कोहराम
बिरौल | निज संवाददाता थाना क्षेत्र के अम्बा गांव में रविवार की शाम पांच बजे

बिरौल | निज संवाददाता
थाना क्षेत्र के अम्बा गांव में रविवार की शाम पांच बजे त्रिभुवन का शव आते ही कोहराम मच गया। शव के अन्तिम दर्शन के लिए भीषण ठंड के बावजूद लोगों की भीड़ जुट गयी। लाश को देखते ही परिजनों के चीत्कार से भीड़ की आंखें नम हो गयी। हर मुंह से बस यही निकलता था कि आठ सदस्यों के परिवार का बोझ ढो रहे कमाऊ पुत्र के चले जाने से घर अनाथ हो गया। दो भाई एवं दो बहनों की पढ़ाई की जिम्मेवारी लेकर त्रिभुवन ने अपनी खुद की पढ़ाई छोड़कर ड्राईिंवग सीखी थी। लॉकडाऊन में परदेस से घर आये 25 वर्षीय त्रिभुवन पड़ोसी गांव बिजुलिया के अरुण यादव के ट्रक की ड्राईवरी करने लगा। बड़े भाई महादेव यादव को बीएड करवाकर आदर्श शिक्षक एवं इंटर मे पढ़ रहे छोटे भाई खुशीलाल को अच्छी नौकरी दिलाने की तमन्ना लेकर खून-पसीना एक कर रहे थे। उससे अधिक, देववती व योगवती दोनों बहनों की पढ़ाई से लेकर शादी करने की जिम्मेवारी थी। सभी अरमानों को संजोये दिन-रात एक करके कमाई करने में लगा था कि शनिवार की रात में मधुबनी-पंडौल के बीच सड़क पर टायर बदलने के क्रम में उपचालक सहित चालक त्रिभुवन की मौत बस की चपेट में आने से घटनास्थल पर ही हो गयी। फोन से मौत की खबर सुनते ही मृतक की माता रामसखी देवी बेहोश हो गयी। होश आने पर बस इतना ही कहती थी कि बड़े पुत्र की शादी के बाद दूसरे कमाऊ पुत्र के घर बसाने पर ही जी अटका हुआ था। लेकिन देवा ने सारे सपने छीन लिये। इधर, बटाई खेती कर परिवार खींच रहे पिता सुदीन यादव को कमाऊ पूत की मौत का सदमा सताये जा रहा है। इधर गांव की स्थिति गम्भीर देख शाम पांच बजे लाश के आते ही ग्रामीण आधे घंटे बाद अंत्येष्टि के लिए श्मशान लेकर चले गये। लेकिन वहां भी मृतक के दो भाई, दो बहन, माता व पिता के चीत्कार से लोगों का कलेजा दहल रहा था।
