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कोजागरा के दिन ‘देवीमणि का विमोचन महत्वपूर्ण

दरभंगा। शरद पूर्णिमा की रात आसमान से अमृत की वर्षा होती है। इस पावन


कोजागरा के दिन ‘देवीमणि का विमोचन महत्वपूर्ण
हिन्दुस्तान टीम,दरभंगाWed, 20 Oct 2021 03:31 AM
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दरभंगा। शरद पूर्णिमा की रात आसमान से अमृत की वर्षा होती है। इस पावन दिवस के अवसर साहित्यकार मणिकांत झा द्वारा मणि शृंखला अंतर्गत महात्मा गांधी शिक्षण संस्थान द्वारा प्रकाशित अपने 31 वें रचना संग्रह देवीमणि का विमोचन किया जाना मैथिली साहित्य जगत मे अमृत वर्षा के समान है। ये बातें पीजी राजनीति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो जितेन्द्र नारायण ने मंगलवार को राजगोपाल हेल्थ केयर सेंटर के संगोष्ठी कक्ष में आयोजित ‘देवीमणि विमोचन समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहीं। मौके पर एमएलएसएम कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ विद्यानाथ झा ने कहा कि शरद पूर्णिमा वर्षा ऋतु और शीत ऋतु के संधिकाल में पड़ती है। ऐसे में इस आयोजन ने पौराणिक मान्यताओं को साकार करते हुए साहित्य एवं संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन के लिए अनुपम अवसर प्रदान करने वाला है। वहीं दूरस्थ शिक्षा निदेशक प्रो अशोक कुमार मेहता ने कहा कि मान्यता के अनुसार कोजागरा की रात चंद्रमा का दर्शन नेत्र विकार को दूर करता है। इस लिहाज से इस दिवस को दिन में आयोजित यह साहित्यिक अनुष्ठान मैथिली साहित्य अनुरागियों के लिए काफी महत्वपूर्ण है।अपने उद्बोधन में पुस्तक के रचयिता व प्रख्यात गीतकार एवं भारत निर्वाचन आयोग के दरभंगा जिला आईकान मणिकांत झा ने कहा कि इस पुस्तक को आज कई लोगों ने अपने पुत्र - पुत्री के कोजागरा के अवसर पर पान मखान के साथ बांटने का निर्णय लेकर मेरे मनोबल को तो ऊंचा किया ही है, साथ ही मैथिली के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इसके लिए उन्होंने विवेकानंद झा, प्रो विद्यानाथ झा, विक्रम कुमार मिश्र, देवकुमार चौधरी, रघुवीर मिश्र आदि के प्रति आभार प्रदर्शित करते हुए और लोगों से भी इस तरह का कार्य करते रहने की अपील की। इससे पहले कार्यक्रम की शुरुआत सुश्री जया के गाये श्रीगणेश वंदना से हुआ। कार्यक्रम में अपना विचार रखते हुए भारतीय प्रशासनिक सेवा से सेवानिवृत्त विवेकानंद झा ने कहा कि मणिकांत झा के रचना संसार में मिथिला के लोक भाव के सभी रंगों का समाहित होना इनकी विशिष्टता है। कार्यक्रम में विनोद कुमार झा, प्रो चन्द्रशेखर झा बूढ़ाभाई, गौरीकांत झा, मधु कुमारी, प्रवीण कुमार झा, संतोष कुमार झा, मार्तंड रत्नम, उत्सव आदि की उल्लेखनीय उपस्थिति रही। डॉ.ममता ठाकुर एवं नीलम झा द्वारा देवीमणि से गाये समदाउनि से कार्यक्रम का समापन हुआ।

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