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सतत सत्य का अन्वेषण ही विज्ञान का है लक्ष्य

किसी भी व्यक्ति की कामयाबी में उसका स्वयं का अनुशासन, सादगी और ज्ञान की प्राप्ति के लिए सतत साकांक्ष होना खास मायने रखता है। सतत सत्य का अन्वेषण ही सही मायने में विज्ञान का लक्ष्य है। ये बातें...

सतत सत्य का अन्वेषण ही विज्ञान का है लक्ष्य
हिन्दुस्तान टीम,दरभंगाSun, 26 May 2019 05:29 PM
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किसी भी व्यक्ति की कामयाबी में उसका स्वयं का अनुशासन, सादगी और ज्ञान की प्राप्ति के लिए सतत साकांक्ष होना खास मायने रखता है। सतत सत्य का अन्वेषण ही सही मायने में विज्ञान का लक्ष्य है। ये बातें प्रसिद्ध वैज्ञानिक पद्मश्री डॉ. मानस बिहारी वर्मा ने कही। वे शनिवार को सीएम साइंस कॉलेज में आयोजित पहले दीक्षांत समारोह में दीक्षांत अभिभाषण प्रस्तुत कर रहे थे।

उन्होंने सीएम साइंस कॉलेज को उपलब्धियों की खुद की खींची लकीर को बड़ा करने का जज्बा रखने वाला शैक्षणिक संस्थान बताते हुए इस महाविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को लेकर जनमानस में बढ़ी उम्मीदों की ओर इशारा किया। अपने अभिभाषण में उन्होंने गीता के श्लोकों की चर्चा करते हुए इसमें निहित संदेश को जीवन में उतारने की सलाह दी।

मालूम हो कि बिहार के महाविद्यालयों में दीक्षांत समारोह की शुरुआत शनिवार को लनामि विवि के अग्रणी सीएम साइंस कॉलेज में की गई। समारोह की अध्यक्षता करते हुए मुख्य अतिथि लनामि विवि के कुलपति प्रो. सुरेंद्र कुमार सिंह ने सर्वप्रथम महाविद्यालय स्तर पर दीक्षांत समारोह के आयोजन की प्रदेश स्तर पर नींव रखने वाले सीएम साइंस कॉलेज परिवार को बधाई दी। उन्होंने कहा कि मिथिला की हृदयस्थली पर अवस्थित इस महाविद्यालय में आना उनके लिए किसी तीर्थ से कम नहीं है। स्थापना काल से ही सारस्वत उपलब्धियों के लिए चर्चित रहने वाले इस महाविद्यालय को अनेक शिक्षा अनुरागियों ने समय-समय पर पल्लवित एवं पुष्पित किया है।

उन्होंने दीक्षांत समारोह को सही अर्थों में शिक्षा के अंत की बजाय आगे की शिक्षा का पूरे दमखम के साथ शुरुआत करने का अवसर करार देते हुए उपस्थित छात्रों को सफलता का कदम चूमने के लिए जीवन पर्यंत विद्यार्थी बने रहने का मंत्र दिया। उन्होंने कॉलेज द्वारा तैयार ‘विजन:2025 को समय की मांग के हिसाब से व्यापक संकल्पना करार दिया।

महाविद्यालय के 1972 बैच के छात्र रहे सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन, नई दिल्ली के वरीय सदस्य इंदु शेखर झा ने बतौर विशिष्ट प्रधानाचार्य डॉ. प्रेम कुमार प्रसाद द्वारा एलुमनी एसोसिएशन के गठन की दिशा में उठाए जा रहे कदमों की सराहना की। उन्होंने कहा कि सीमित संसाधनों एवं चुनौतियों के बावजूद महाविद्यालय जिस प्रकार से बहुआयामी शिक्षण पर जोर लगा रहा है, यह बिहार और भारत के विकास में मील का पत्थर साबित होगा।

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