ROB Construction Near Laheriasarai Local Struggles Amid Development वैकल्पिक रास्ता नहीं बनने से वाहन चालकों व दुकानदारों में हो रहा विवाद, Darbhanga Hindi News - Hindustan
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वैकल्पिक रास्ता नहीं बनने से वाहन चालकों व दुकानदारों में हो रहा विवाद

लहेरियासराय चट्टी चौक के पास आरओबी निर्माण से स्थानीय लोगों की समस्याएं बढ़ गई हैं। रेलवे लाइन के पूरब के दुकानदारों को भीड़-भाड़ और जाम का सामना करना पड़ रहा है। निर्माण एजेंसी की लापरवाही के कारण...

Newswrap हिन्दुस्तान, दरभंगाTue, 9 Sep 2025 06:07 PM
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वैकल्पिक रास्ता नहीं बनने से वाहन चालकों व दुकानदारों में हो रहा विवाद

शहर के लहेरियासराय चट्टी चौक के पास आरओबी का निर्माण जहां विकास की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है, वहीं फिलहाल इसने स्थानीय लोगों और दुकानदारों की मुश्किलें कई गुना बढ़ा दी हैं। रेलवे लाइन के पूरब में बसे लोगों की स्थिति तो और भी अधिक विकट है। रेलवे लाइन के दोनों तरफ बड़े-बड़े बोल्डर लगाकर ऑटो और चार चक्का वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है। इस वजह से पूरब हिस्से के दुकानदारों के सामने ऑटो-टोटो और रेहड़ी-पटरीवालों की भीड़ उमड़ने लगी है। इससे न सिर्फ दुकानदारी प्रभावित हो रही है, बल्कि आए दिन आपसी नोकझोंक झगड़े में बदलने का खतरा बढ़ गया है।

स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि आरओबी निर्माण से परेशानी स्वाभाविक है, लेकिन निर्माण एजेंसी की लापरवाही ने स्थिति असहनीय बना दी है। निर्माण स्थल के आसपास बड़े-बड़े गड्ढे और रोड़े पड़े रहने से पैदल चलना तक मुश्किल हो गया है। वहीं, जाम की समस्या तो यहां आम हो गई है। भीड़भाड़ और अव्यवस्था की वजह से दुकानदारी बुरी तरह प्रभावित हो रही है। रेलवे लाइन के पूरब के मोहल्लों में रहने वाले लोगों की कठिनाई और भी बढ़ गई है। स्थानीय विकास कुमार, समाजसेवी मृत्युंजय झा, अरविंद कुमार, मन्नू कुमार, शंभू सहनी, प्रभात झा आदि ने बताया कि शहर जाने का सीधा रास्ता बंद कर दिया गया है, जबकि कोई वैकल्पिक मार्ग नहीं बनाया गया है। लोग अपने बच्चों को स्कूल पहुंचाने या रोजमर्रा की जरूरतों के लिए रैक प्वाइंट होकर पंडासराया गुमटी पार करते हैं, या फिर 22 नंबर गुमटी से बेंता के रास्ते जाना पड़ता है। ये दोनों रास्ते इतने ऊबड़-खाबड़ हैं कि न तो ऑटो चल पाता है और न ही टोटो। यही वजह है कि बाहर से आने वाले वाहन भी मजबूरी में चट्टी की दुकानों के सामने खड़े होकर यात्रियों का इंतजार करते हैं। इससे दुकानदारों और वाहन चालकों के बीच आए दिन विवाद की स्थिति बनती रहती है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन और निर्माण एजेंसी पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि अब तक झगड़े छोटे स्तर पर ही निपट जाते हैं, लेकिन अगर स्थिति को अनदेखा किया गया तो कभी भी कोई बड़ी घटना घट सकती है। उनका कहना है कि निर्माण के दौरान सड़क को मोटरेबल नहीं बनाया जाना और गड्ढों को यूं ही छोड़ देना आम लोगों की परेशानी को दोगुना कर रहा है। लोगों का यह भी कहना है कि निर्माण एजेंसी अगर वैकल्पिक मार्ग बनाकर लोगों की आवाजाही सुनिश्चित करती तो परेशानी इतनी ज्यादा नहीं होती। लेकिन फिलहाल हालात ऐसे हैं कि लोग हाउस अरेस्ट जैसी स्थिति में जीने को मजबूर हैं। दुकानदार भी मानते हैं कि विकास कार्य जरूरी है, लेकिन यदि प्रशासन और निर्माण कंपनी थोड़ी तत्परता और संवेदनशीलता दिखाए तो आम लोगों की जिंदगी इतनी कठिन नहीं होगी। स्थानीय समाजसेवियों ने जिला प्रशासन से अपील की है कि निर्माण कार्य तो चलता रहेगा, लेकिन जब तक वैकल्पिक मार्ग का इंतजाम नहीं किया जाता, तब तक हालात सुधरना मुश्किल है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर प्रशासन और एजेंसी ने जल्द ही समाधान नहीं निकाला, तो जनता को आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा।

-बोले जिम्मेदार-

वैकल्पिक रास्ते के अभाव में आवागमन में परेशानी से संबंधित शिकायतें मिल रही हैं। इस संबंध में पुल निमार्ण निगम के अधिकारियों से बात की जाएगी। साथ ही वरीय अधिकारियों के संज्ञान में भी यह मामला दिया जाएगा, ताकि समस्या का समाधान हो।

- रवि अमरनाथ, सिटी मैनेजर

चट्टी चौक पर लोगों के आवागमन के लिए वैकल्पिक मार्ग की बेहतर व्यवस्था होनी चाहिए। इसमें शिकायत मिल रही है। इसके लिए पुल निर्माण निगम के अधिकारियों को तलब किया जायेगा। लोगों की समस्या के निदान के लिए नगर निगम पूरा प्रयास करेगा।

- अंजुम आरा, मेयर

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