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प्रोफेसर कॉलोनी से लाखों की संपत्ति चोरी

लहेरियासराय। कोतवाली ओपी क्षेत्र की प्रोफेसर कॉलोनी से प्रो. एलपी सिंह के घर से...

प्रोफेसर कॉलोनी से लाखों की संपत्ति चोरी
हिन्दुस्तान टीम,दरभंगाTue, 31 Aug 2021 03:51 AM
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लहेरियासराय। कोतवाली ओपी क्षेत्र की प्रोफेसर कॉलोनी से प्रो. एलपी सिंह के घर से चोरों ने लाखों के जेवरात व नकदी चुरा ली है। कोतवाली ओपी प्रभारी अमरनाथ प्रसाद ने बताया कि प्रोफेसर के पुत्र दिल्ली में रहते हैं। वे अपने पुत्र के यहां तीन माह पहले दिल्ली गए थे। वहां वे इलाज करा रहे थे। रविवार को जब वे घर लौटे तो उनके मकान के मुख्य दरवाजे का ताला बंद था। अंदर के सभी कमरों का ताला टूटा हुआ था। उन्होंने बताया कि प्रोफेसर के घर से करीब तीन लाख के जेवरात सहित 40 हजार रुपये नगदी की चोरी की गई है। उनका पेंशन बुक, फिक्सड डिपॉजिट कागज के अलावा कई इन्वेस्टमेंट के कागजात भी चोरों ने चुरा लिये। चोरों ने एक मोमेंटो की भी चोरी कर ली। इसे लेकर प्रोफेसर काफी आहत हैं। ओपी प्रभारी ने कहा कि घर में महंगी साड़ी और कपड़ों के अलावा अन्य सामान भी था जिसे चोरों ने छुआ तक नहीं। प्रोफेसर के आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। मोहल्ले में लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जा रहा है। बता दें कि प्रो. सिंह लनामि विवि के कॉमर्स विभाग के पूर्व एचओडी रह चुके हैं।

फराज फातमी मिले बाढ़ पीड़ितों से:

दरभंगा। पूर्व विधायक सह जदयू के प्रदेश महासचिव डॉ. फराज फातमी ने सोमवार को सदर प्रखंड की अतिहर पंचायत के बेरई, डीह बरेई, हिंगौली, बेलवा, भगवानपुर, भलुआही व कांटी पहुंचकर बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की। उन्होंने आपदा सहायता से वंचित परिवारों से जानकारी ली। इसके बाद उन्होंने आपदा पदाधिकारी से बात कर उनको अविलंब हरसंभव सहायता पहुंचाने की बात कही। फसल क्षति के संबंध में जिला कृषि पदाधिकारी से बात कर अविलंब किसानों को मुआवजा देने को कहा। उन्होंने कहा कि सरकार के खजाने पर सबसे पहला हक आपदा पीड़ितों का है। इस दौरान पूर्व जिप सदस्य अशोक साह, अरुण झा, कमल साह आदि थे।

पूर्ण बाढ़ग्रस्त घोषित हो बहादुरपुर व हनुमाननगर:

लहेरियासराय। राजद के राष्ट्रीय महासचिव सह पूर्व विधायक भोला यादव ने कहा है कि बहादुरपुर विस क्षेत्र के बहादुरपुर व हनुमाननगर प्रखंड को सरकार द्वारा पूर्ण बाढ़ग्रस्त घोषित नहीं करना बेईमानी है। इन दोनों प्रखंडों में दो- दो बार बाढ़ आई है। बाढ़ से जनजीवन पूर्ण रूप से प्रभावित हुआ है। इसके बावजूद इन दोनों प्रखंडों को आंशिक बाढ़ग्रस्त घोषित करना उचित नहीं है। जिस तरह एक ही गांव के दो वार्ड को बाढ़ग्रस्त घोषित किया गया है और दो वार्ड को नहीं किया गया है यह अपने आप में पहेली है। पता नहीं जिला प्रशासन ने किस सिद्धांत के आधार पर ऐसा किया है। इस तरह के निर्णय से लोगों में आक्रोश फैलता है। उन्होंने डीएम से पूरे मामले की जांच कराने की मांग की है।

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