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हावीडीह में पानी के लिए मचा हाहाकार

प्रखंड के हावीडीह गांव में पीने के पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। गांव के दर्जनों चापाकल पूर्ण रूप से सूख चुके हैं जिससे एक बूंद भी पानी नहीं निकल रहा है । मनुष्य अपने पीने के लिए तो दूर-दूर से पानी...

हावीडीह में पानी के लिए मचा हाहाकार
हिन्दुस्तान टीम,दरभंगाMon, 24 Sep 2018 04:28 PM
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प्रखंड के हावीडीह गांव में पीने के पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। गांव के दर्जनों चापाकल पूर्ण रूप से सूख चुके हैं जिससे एक बूंद भी पानी नहीं निकल रहा है । मनुष्य अपने पीने के लिए तो दूर-दूर से पानी ले आ रहे हैं, जबकि मवेशियों का पानी के बिना बुरा हाल हो रहा है।

यहां एक प्रसिद्ध भगवती मंदिर है जहां हजारों की संख्या में लोग प्रतिदिन पूजा-पाठ के लिए आते हैं। यहां तीन चापाकल हैं और तीनों के तीनों सूख चुके हैं। जुलाई माह में भी यही विषम परिस्थिति उत्पन्न हुई थी। इस खबर को आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। परिणाम स्वरूप पीएचईडी तुरंत हरकत में आया और पानी का टैंकर भेजना शुरू कर दिया था। उस समय बरसात शुरू हो जाने से समस्या दूर हो गयी थी। लोग दूर-दूर से पानी लाकर जैसे तैसे निर्वाह कर रहे हैं। सबसे खराब स्थिति मवेशियों की हो गई है , जिसको कि पीने के लिए प्रतिदिन कम से कम 20 लीटर पानी की जरूरत होती है। हावीडीह मध्य पंचायत के मुखिया पति कन्हैया यादव कहते हैं कि इस भीषण गर्मी में पीने के पानी के लिए लोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं । धरती में पानी का लेयर नीचे चले जाने से 170 फीट तक गडे़ हुए चापाकल का पानी भी सूख चुका है।

इस संबंध में पूछने पर बहेड़ी बीडीओ भगवान झा ने कहा कि पीएचईडी को कहकर तुरंत पानी टैंकर की व्यवस्था की जाएगी। यहां नल-जल योजना के तहत दो वार्डों का काम चार महीने पहले पूर्ण हो चुका है। बिजली कनेक्शन नहीं होने के कारण पानी सप्लाई का काम अभी तक शुरू नहीं किया गया है।

विदित हो कि वर्ष 2008 में जहां सरकार के तरफ से पेट्रोलियम का पता लगाने के लिए कई देसी व विदेशी कंपनियां आई थी। काफी मात्रा में पेट्रोलियम पदार्थ नहीं पाए जाने के कारण सभी प्रोजेक्ट बंद कर दिए गए। बताया जाता है यहां भूगर्भ में निश्चित रूप से कुछ मात्रा में पेट्रोलियम भी है उसका भी असर हो सकता है। ग्रामीणों में इस तरह की भी चर्चाएं हैं ।

जिन लोगों के चापाकल का पानी सूख चुका है उनके नाम इस प्रकार से हैं- कुमर कांत चौपाल, मो. सदीक, मो. हबीब, मो. हकीम, मोहमद रईम, मुकेश साह, मो. सिराजुद्दीन, दुखनी देवी, झोटन नद्दाफ, मो. गफूर, मिसर साह, मो. युसूफ, राधे साह, शहीदा खातून, सियाराम साह, मूंगे चौपाल, उपेंद्र ठाकुर, देवेंद्र ठाकुर,भोला साह आदि लोग।

कहते हैं अधिकारी

इस संबंध में पूछने पर पीएचईडी के जेई गोसुल रहमान ने कहा कि हम लोग जांच कर पता लगाएंगे कि पानी का लेवल अभी कितना नीचे तक पहुंच गया है। जांच के बाद इसकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जायेगी। इसके बाद जो भी दिशा-निर्देश मिलेगा या फंड मिलेगा उसी हिसाब से आगे काम किया जाएगा।

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