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पार्सल ब्लास्ट : नमूने ले गयी एफएसएल टीम

दरभंगा | दरभंगा जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर दो पर गुरुवार को कपड़े के पार्सल...

पार्सल ब्लास्ट : नमूने ले गयी एफएसएल टीम
हिन्दुस्तान टीम,दरभंगाSat, 19 Jun 2021 04:20 AM
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दरभंगा | दरभंगा जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर दो पर गुरुवार को कपड़े के पार्सल में हुए विस्फोट मामले की जांच के लिए शुक्रवार को एफएसएल की टीम दरभंगा पहुंची। टीम घटनास्थल से सैंपल एकत्रित कर अपने साथ ले गयी। उधर, घटना की जांच के लिए आईजी अजिताभ कुमार दरभंगा जंक्शन पर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने घटनास्थल का मुआयना किया और एक-एक चीज को बारीकी से देखा। उन्होंने जीआरपी के अधिकारियों से कई जानकारी हासिल की। इसके बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि हालांकि विस्फोट बहुत बड़ा नहीं था, लेकिन यह देखना जरूरी होगा कि विस्फोट का कारण क्या था। मौके से बरामद शीशी में केमिकल था या कोई विस्फोटक, इसकी जांच की जाएगी। शीशी को जांच के लिए एफएसएल की टीम ले गयी है। इसके अलावा यहां से जांच के लिए एक टीम सिकंदराबाद के लिए निकल चुकी है। वहां पूछताछ में हमें इस संबंध में और जानकारी मिल सकती है। पत्रकारों के सवाल में आईजी ने सुरक्षा में चूक होने से इनकार किया। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पार्सल किसने किसके नाम से भेजा था इसकी जांच की जा रही है। इससे पहले मुजफ्फरपुर से आयी एफएसएल की टीम ने दरभंगा जंक्शन पर पहुंचकर घटनास्थल से सैंपल इकट्ठा किया और उसे अपने साथ ले गयी। टीम ब्लास्ट हुए पैकेट में से निकली बोतल को भी अपने साथ ले गयी। हालांकि इस दौरान टीम के सदस्यों ने मीडिया को कुछ भी जानकारी देने से इनकार किया।

इधर, शुक्रवार की सुबह जीआरपी थानाध्यक्ष मो. हारून रशीद के नेतृत्व में दो सदस्यीय टीम सिकंदराबाद के लिए रवाना हो गई। टीम वहां पहुंचकर पार्सल बुकिंग के संबंध में विस्तार से जानकारी लेगी। उधर, मो. सुफियान के बारे में पुलिस जानकारी लेने में जुट गयी है। मो. सुफियान के नाम से ही यह पैकेट बुक किया गया था। इधर, इस घटना को लेकर शुक्रवार को दूसरे दिन भी शहर में चर्चा तेज रही। हर कोई अपने-अपने हिसाब से अनुमान लगा रहा था।

पार्सल बुकिंग पर भी सवालिया निशान:

जंक्शन पर हुए ब्लास्ट से पार्सल बुकिंग सिस्टम पर भी सवाल उठने लगे हैं। हालांकि यह पार्सल सिकंदराबाद में बुक हुआ था। जंक्शन के पार्सल कार्यालय की इसमें कोई भूमिका नहीं है। लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि अगर इससे भी अधिक खतरनाक विस्फोटक कोई इसी तरह छुपाकर ला रहा होता तो क्या होता? अन्य दिनों में भी प्रतिबंधित सामान इसी तरह नहीं लाए जाते होंगे, इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता।

घटना में आतंकी साजिश की आने लगी बू:

दरभंगा। पार्सल ब्लास्ट मामले में एटीएस की मदद लिये जाने से इस घटना में आतंकियों के शामिल होने की बू आने लगी है। घटना के तत्काल बाद एटीएस टीम के दरभंगा पहुंचने से घटना की गंभीरता को समझा जा सकता है। एटीएस के सामने आने के बाद इस घटना में आतंकी साजिश होने की आशंका को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। बता दें कि दरभंगा से पूर्व में कई आतंकी पकड़े गए हैं। कपड़े की गठरी में संदिग्ध पदार्थ का रखा जाना बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रही है।

असुरक्षित है दरभंगा का पार्सल घर:

दरभंगा। समस्तीपुर रेल मंडल का ए वन दर्जा प्राप्त दरभंगा जंक्शन असुरक्षित है। जंक्शन पर वर्षों से चल रहे पार्सल घर के बीचोबीच प्लेटफॉर्म एक पर जाने का रास्ता बन चुका है। यात्रियों की आवाजाही के बीच ही पार्सल के रूप में भेजे जाने वाले सभी पैकेट को सील किया जाता है। उसे सीलबंद भी किया जाता है और खोलकर देखा भी जाता है। जंक्शन के प्लेटफॉर्म एक पर पार्सल घर के पास चारों तरफ जिस तरह से पार्सल पैकेट्स रखे जाते हैं उसे देखकर कोई भी इन पैकेट्स की सुरक्षा के संबंध में सहजता से जानकारी हासिल कर सकता है।

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