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एम्स निर्माण के लिए जमीन चली जाने से छलका दर्द

दरभंगा | संजय लाला एम्स निर्माण शुरू होने के बाद डीएमसीएच के 27 एकड़ में

एम्स निर्माण के लिए जमीन चली जाने से छलका दर्द
हिन्दुस्तान टीम,दरभंगाWed, 24 Feb 2021 04:34 AM
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दरभंगा | संजय लाला

एम्स निर्माण शुरू होने के बाद डीएमसीएच के 27 एकड़ में सिमट जाने से डॉक्टरों का दर्द स्थापना दिवस समारोह के दौरान मंच से छलक उठा। कॉलेज के ऐतिहासिक ऑडिटोरियम के गौरवशाली इतिहास की चर्चा करते हुए मंच से कई वक्ताओं ने कहा कि अब शायद वे दो-एक साल ही यहां स्थापना दिवस समारोह मना सकेंगे। पूर्ववर्ती छात्रों ने कॉलेज की जमीन पर एम्स के निर्माण के निर्णय का विरोध करते हुए चिकित्सकों से आवाज बुलंद करने की अपील की। सबसे पहले स्थापना दिवस समारोह के रिसेप्शन कमेटी के अध्यक्ष डॉ. ओम प्रकाश ने कहा कि 27 एकड़ को छोड़ पूरी जमीन अब एम्स की संपत्ति है। हम एम्स के खिलाफ नहीं हैं। इस कैंपस ने हमे बहुत कुछ दिया है। पता नहीं अब हम और कितने दिन इस ऑडिटोरियम में जुट पाएंगे। एम्स का निर्माण वीआईपी सड़क की दूसरी तरफ होता तो बेहतर होता। जिस कैंपस को हम लोगों ने अपने खून-पसीने से सींचा, उसे छीने जाने का हमें दुख है। डीएमसीएच पूर्ववर्ती छात्र एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. यूपी सिंह का भी दर्द मंच से छलक पड़ा। उन्होंने कहा कि महाराज रामेश्वर सिंह ने दो सौ एकड़ जमीन डीएमसीएच को दी थी। आप तीन एम्स खोलिए, इससे किसी का विरोध नहीं है। यहां की जमीन पर एम्स खोलने के बजाय डीएमसीएच का विकास होता तो बेहतर होता। उन्होंने चिकित्सकों से अपनी आवाज बुलंद करने की अपील करते हुए कहा कि वे उनलोगों के साथ हैं। पूर्ववर्ती छात्र व पीएमसीएच के पूर्व प्राचार्य व अधीक्षक डॉ. अमरकांत झा ‘अमर ने भी डीएमसीएच की जमीन पर एम्स का निर्माण करने के निर्णय का विरोध किया। उन्होंने कहा कि बची हुई जमीन में डीएमसीएच का विकास संभव नहीं है। आप आवाज उठाएं, मैं आपके साथ हूं। पूर्व छात्र व गायनी के सेवनिवृत्त अध्यक्ष डॉ. भरत प्रसाद ने भी एम्स निर्माण के लिए डीएमसीएच की अधिकांश जमीन ले ली जाने का विरोध किया।

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