मालिक से बचने के लिए डबरे में कूदी नाबालिग
कटहलबाड़ी दुर्गा मंदिर के पास सोमवार को घंटों हाई वोल्टेज ड्रामा चला। हुआ यू कि सिंधी गुरुवारा के पास एक मकान में कई दिनों से बाल मजदूरी कर रही दस वर्षीया लड़की डांट-फटकार से तंग आकर सुबह करीब छह बजे...
कटहलबाड़ी दुर्गा मंदिर के पास सोमवार को घंटों हाई वोल्टेज ड्रामा चला। हुआ यू कि सिंधी गुरुवारा के पास एक मकान में कई दिनों से बाल मजदूरी कर रही दस वर्षीया लड़की डांट-फटकार से तंग आकर सुबह करीब छह बजे वहां से भाग निकली। उससे काम लेने वाला गृहस्वामी बाइक से उसका पीछा करते हुए दुर्गा मंदिर के बगल में स्थित डबरा के पास पहुंचा। गृहस्वामी पर नजर पड़ते ही पकड़े जाने के डर से लड़की ने डबरे में छलांग लगा दी।
कानून के चक्कर में पड़ने की नौबत देख गृहस्वामी उलटे पांव वहां से भाग निकला। लड़की को डूबते देख कई स्थानीय लोगों ने उसे डबरे से बाहर निकाला। इसके बाद वहां बड़ी संख्या में लोग जुट गये। सूचना मिलने पर पार्षद निशा कुमारी वहां पहुंची। बच्ची को अपने संरक्षण में लेकर वे उसे अपने घर ले आयी। मामले की जानकारी मिलने पर विश्वविद्यालय थाने की पुलिस भी वहां पहुंची। तभी एक महिला भी वहां पहुंची। वह कहने लगी कि वह बच्ची की मौसी है। हालांकि बच्ची ने उसे पहचानने से इनकार कर दिया। इससे स्थानीय लोगों को मामला संदेहास्पद प्रतीत होने लगा। लोग पुलिस से बच्ची के परिजन को बुलाने की मांग करने लगे। इसी बीच पुलिस वहां से लौट गई। तब पार्षद ने महिला हेल्पलाइन को सूचना दी। हेल्पलाइन के पदाधिकारी ने वहां पहुंचकर बच्ची को अपने संरक्षण में लिया। पूछने के बाद उसके परिजनों को सूचना दी गई। बच्ची की नानी ने वहां पहुंचकर बताया कि वह बच्ची को काम करने के लिए कटहलबाड़ी निवासी वसीम अख्तर के यहां छोड़ गई थी। बच्ची को उसकी नानी को सौंप दिया गया। महिला हेल्पलाइन की पदाधिकारी ने कहा कि वह एक महीने बाद बच्ची की खैरियत जानने उनके घर पहुंचेगी। बच्ची मधुबनी जिले के खुटौना की रहने वाली है। इस संबंध में थाना प्रभारी पवन कुमार सिंह ने कहा कि तीन-चार दिन पहले बच्ची अपने मालिक के घर आयी थी। वहां मन नहीं लगने पर बच्ची अपने घर जाना चाहती थी। मालिक ने उससे उसके परिजन को बुलाने की बात कही थी। इसी दौरान बच्ची सोमवार को घर से भाग गयी।