2041 तक दरभंगा को पूरी तरह विकसित करने की बनी योजना
दरभंगा में एक बैठक आयोजित की गई जहां 2041 तक जिले के विकास के लिए जियोग्राफी इनफॉर्मेशन सिस्टम आधारित मास्टर प्लान की तैयारी पर चर्चा की गई। इसमें 186 गांवों को चिन्हित किया गया है और नगर निगम क्षेत्र...

दरभंगा। समाहरणालय सभागार में जिले के जियोग्राफी इनफॉर्मेशन सिस्टम (एसईजेड) आधारित मास्टर प्लान की तैयारी को लेकर मंगलवार को बैठक की गयी। इसमें वर्ष 2041 तक दरभंगा को पूरी तरह विकसित करने की योजना पर चर्चा की गयी। इसके लिए दरभंगा नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत 186 गांवों को चिन्हित किया गया है। इनमें दरभंगा नगर निगम के 59, केवटी के 42, बेनीपुर के 75, हनुमाननगर के सात तथा हायाघाट के तीन गांव शामिल हैं। नगर आयुक्त राकेश कुमार गुप्ता ने बताया कि बैठक में मास्टर प्लान की रूपरेखा पर विस्तार से चर्चा हुई। नगर आयुक्त ने कहा कि 2041 में दरभंगा विकसित जिलों में शामिल रहेगा। वर्ष 2041 तक दरभंगा को विकसित करने और बेहतर विकास के लिए संबंधित एजेंसियों एवं संबंधित पदाधिकारियों के साथ नगर आयुक्त की बैठक में नगर निगम क्षेत्र में ट्रैफिक एवं ट्रांसपोर्टेशन, जल निकासी समस्या, आवासीय इलाकों का विस्तार किस तरह और किस ओर किया जाए, आयोजना क्षेत्र और निगम क्षेत्र के मास्टर प्लान की अभिकल्पना इस तरह से हो की शहरी क्षेत्र जैसा दिखे, सरकारी भूमि के क्या प्रावधान हो सकते हैं, नदी तट पर रिफ्रंट तथा साथ ही ग्रीन जोन पार्क निर्माण आदि बिंदुओं की भी विस्तृत समीक्षा हुई।
नगर आयुक्त ने एजेंसी के संवेदक से कहा कि एम्स दरभंगा योजना क्षेत्र के बाहर दक्षिण में स्थित है जो निर्माणधीन है। इसके फलस्वरूप इन इलाकों का सर्वेक्षण कर उसको मास्टर प्लान में समाहित करने के दृष्टिकोण से विश्लेषण करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि खाली जगह का उपयोग नागरिक सुविधाओं को बहाल करते हुए, गरीबों के लिए आवश्यक कॉलोनी का प्रावधान मास्टर प्लान के अंतर्गत हो।
मास्टर प्लान में कृषि आधारित उद्योग के लिए स्पेशल इकोनामिक जोन का प्रावधान एवं भूमि आधारित करने का निर्देश दिया गया। बैठक में जिला परिवहन पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी सदर विकास कुमार, यातायात डीएसपी सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। बता दें कि नगर विकास विभाग सभी जिला मुख्यालयों के लिए आयोजना क्षेत्र का गठन कर रहा है। आयोजना क्षेत्र का गठन होने के बाद यहां के लिए सर्वे का काम शुरू होगा। जीआईएस सर्वे के बाद मास्टर प्लान बनाने का काम पूरा होगा। इसके लिए परामर्शी का चयन किया जा रहा है। जीआईएस तकनीक से किसी क्षेत्र की सटीक मैपिंग होगी, जिससे जमीन, सड़क, प्रॉपर्टी की स्थिति आसानी से पता चलेगी। एक क्लिक प्लान होने से पारदर्शिता आएगी। ऑनलाइन सिस्टम होने से आम आदमी जमीन खरीदने से पहले उसकी वस्तुस्थिति जान सकेगा। विकास के लिए निर्णय शीघ्र लिए जा सकेंगे।
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