एलएनएमयू: स्नातक प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा नवंबर में
दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के तहत सेमेस्टर...

दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के तहत सेमेस्टर प्रणाली पर आधारित चार वर्षीय स्नातक की परीक्षा की तैयारी शुरू हो चुकी है। राजभवन से सेमेस्टर प्रणाली पर आधारित स्नातक पाठ्यक्रम के रेगुलेशन के अनुसार इंड सेमेस्टर परीक्षा का आयोजन नवंबर में होने वाला है। सत्र 2023-27 के प्रथम सेमेस्टर में नामांकित छात्र-छात्राओं की कॉलेज स्तर पर सतत आंतरिक मूल्यांकन (सीआईए) अर्थात मिड सेमेस्टर परीक्षा सितंबर में ही संपन्न हो चकी है। स्नातक के नए पैटर्न में 75 प्रतिशत उपस्थिति जरूरी है। परीक्षा विभाग ने परीक्षा फार्म जमा करने की तिथियां जारी कर दी है। दो से सात नवंबर तक सामान्य शुल्क के साथ तथा आठ व नौ नवंबर को विलंब शुल्क के साथ ऑनलाइन परीक्षा फार्म भरा जाएगा। छात्र-छात्राओं को नवंबर के तीसरे सप्ताह में प्रवेश पत्र निर्गत कर अंतिम सप्ताह में परीक्षा आयोजित करने की योजना है। प्रथम सेमेस्टर में छात्रों को 100-100 अंकों के छह पत्रों अर्थात कुल 600 अंकों की पढ़ाई करनी है। ये छह पत्र कुल 20 क्रेडिट के हैं। इसमें छह क्रेडिट का मेजर (ऑनर्स) कोर्स, तीन क्रेडिट का माइनर कोर्स, तीन क्रेडिट का मल्टी डिसीप्लीनरी कोर्स, दो क्रेडिट का एबीलिटी इन्हांसमेंट कोर्स, तीन क्रेडिट का स्कील इन्हांसमेंट कोर्स तथा तीन क्रेडिट का वैल्यू एडेड कोर्स शामिल हैं। छात्रों को प्रत्येक 100 अंकों के पत्र के लिए 30 अंकों की मिड सेमेस्टर परीक्षा और 70 अंकों की इंड सेमेस्टर परीक्षा देनी है। इस प्रकार, प्रथम सेमेस्टर में छात्रों को 180 अंकों की मिड सेमेस्टर परीक्षा और 420 अंकों की इंटर सेमेस्टर परीक्षा देनी है। मिड सेमेस्टर परीक्षा व मूल्यांकन कॉलेज स्तर पर होना है और इसके अंक परीक्षा विभाग को भेजे जाएंगे। वहीं, इंड सेमेस्टर परीक्षा के अंकों में मिड सेमेस्टर परीक्षा के अंक जोड़ कर अंतिम रिजल्ट जारी किया जाएगा। बता दें कि लनामिवि में इस वर्ष स्नातक में करीब एक लाख 60 हजार छात्र-छात्राओं ने विवि क्षेत्रांतर्गत दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर एवं बेगूसराय जिले के विभिन्न अंगीभूत व संबद्ध कॉलेजों में नामांकन लिया है।
कक्षा में छात्रों की उपस्थिति पर राजभवन सख्त:
कक्षाओं में छात्रों की उपस्थिति को लेकर राजभवन गंभीर है। छात्रों की 75 प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने को लेकर सख्त निर्देश जारी किए गए हैं। इसमें कहा गया है कि जिन छात्रों की कक्षा में 75 प्रतिशत उपस्थिति ना हो, उनका परीक्षा फार्म नहीं लिया जाए और ऐसे छात्रों को परीक्षा में शामिल नहीं किया जाए। कक्षा में बिना 75 प्रतिशत उपस्थिति के छात्रों को परीक्षाओं में शामिल किए जाने पर कुलाधिपति ने भी नाराजगी जताई है। इस नियम का सख्ती से पालन करने का निर्देश विश्वविद्यालयों को दिया गया है।
नए पैटर्न में उपस्थिति पर भी मिलेंगे अंक:
स्नातक के नए पैटर्न में छात्रों को कक्षा में उपस्थिति पर भी अंक मिलेंगे। प्रत्येक पत्र के लिए होने वाली 30 अंकों की आंतरिक परीक्षा में पांच अंक कक्षा में उपस्थिति व आचरण के आधार पर ही दिए जाएंगे। वहीं, 15 अंकों की लिखित परीक्षा तथा 10 अंक सेमिनार, क्विज, प्रजेंटेशन व असाइनमेंट के आधार पर मिलेंगे। ऐसे में नए पैटर्न में छात्रों के लिए कक्षा में नियमित उपस्थिति जरूरी है।
अब तीन की जगह 12 परीक्षाएं देंगे छात्र:
स्नातक के नए पैटर्न में परीक्षा की संख्या करीब चार गुणा बढ़ गई है। पहले तीन वर्ष के स्नातक पाठ्यक्रम में छात्र-छात्राएं वार्षिक आधार पर तीन परीक्षाएं ही देते थे। अब छात्रों को छमाही परीक्षाएं देनी होगी। नए पैटर्न में भी ऑनर्स की डिग्री तीन साल में ही मिल जाएगी। ऐसे में अब छात्रों को प्रत्येक वर्ष दो सेमेस्टर परीक्षाएं देनी होगी, अर्थात तीन वर्ष में छह सेमेस्टर परीक्षाएं होंगी। प्रत्येक सेमेस्टर में एक आंतरिक परीक्षा भी होगी। इस प्रकार, हर सेमेस्टर में छात्रों की दो परीक्षाएं होगी। तीन वर्ष में छह सेमेस्टर होंगे, अर्थात छात्रों को कुल 12 परीक्षाएं देनी होगी।
