कमला-बलान का टूटा तटबंध, कई गांवों में घुसा पानी
कमला-बलान नदी का पश्चिमी तटबंध बुधवार की रात घनश्यामपुर प्रखंड के कुमरौल गांव के पास 69वें किलोमीटर पर दोबारा ध्वस्त हो गया। इससे कई गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया...
कमला-बलान नदी का पश्चिमी तटबंध बुधवार की रात घनश्यामपुर प्रखंड के कुमरौल गांव के पास 69वें किलोमीटर पर दोबारा ध्वस्त हो गया। इससे कई गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है।
मालूम हो कि इसी साल जुलाई महीने में भी इसी स्थान पर तटबंध टूटने से प्रखंड के कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया था। इससे इलाके में भारी तबाही मची थी। बाद में किसी तरह इसकी मरम्मत की गयी थी। कमला-बलान नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद एक बार फिर तटबंध टूटने से प्रखंड के कंट्री एरिया के गांवों में अफरातफरी मच गयी है। गांवों में पानी घुसने के बाद लोग ऊंचे स्थानों की ओर पलायन करने लगे हैं। पानी के तेज बहाव के कारण बुढ़ेब से कमला बांध तक की सड़क तथा घनश्यामपुर-कुमरौल प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क ध्वस्त हो गयी है। बाढ़ के पानी के तेज बहाव को देखते हुए दो पंचायतों के 16 गांवों के जलमग्न होने की आशंका है।
बाढ़ के पानी से खरीफ फसलों को भारी नुकसान हुआ है। बड़ी संख्या में किसानों ने कर्ज लेकर खेती की थी। बाढ़ ने उनके अरमानों पर पानी फेर दिया है। प्रखंड के कुमरौल, बुढ़ेब, हरिपुर, वदिया, तुलसीपुर, लगमा, घनश्यामपुर आदि गांवों में घरों में पानी घुसने से लोग ऊंचे स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि विभागीय लापरवाही के कारण बांध टूटा है। नदी के जलस्तर में भारी वृद्धि के बावजूद बांध टूटने के समय 18 सितंबर की रात बांध पर एक भी विभागीय अधिकारी नहीं थे। इस संबंध में सीओ दीनानाथ कुमार ने कहा कि तटबंध को बचाने का भरसक प्रयास किया गया, पर पानी का दबाव इतना अधिक था कि उसे बचाया नहीं जा सका। इधर, कमला-बलान नदी का पानी कुशेश्वरस्थान प्रखंड के भी कई गांवों में प्रवेश कर गया है। कई गांवों का प्रखंड मुख्यालय से सड़क संपर्क भंग हो गया है। उधर, गौड़ाबौराम प्रखंड की आधारपुर पंचायत के भी कई गांवों में बाढ़ का पानी घुसने से लोगों की परेशानी बढ़ गयी है।