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लंबित परीक्षाओं के संचालन पर किया गया विचार

ललित नारायण मिथिला विश्व विद्यालय के कुलपति प्रो. सुरेन्द्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को प्रशासनिक सभागार में विश्वविद्यालय के सभी अधिकारियों की बैठक हुई। यह बैठक मुख्यत: 27 सितंबर को...

लंबित परीक्षाओं के संचालन पर किया गया विचार
हिन्दुस्तान टीम,दरभंगाTue, 25 Sep 2018 05:18 PM
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ललित नारायण मिथिला विश्व विद्यालय के कुलपति प्रो. सुरेन्द्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को प्रशासनिक सभागार में विश्वविद्यालय के सभी अधिकारियों की बैठक हुई। यह बैठक मुख्यत: 27 सितंबर को राजभवन में होने वाली कुलपतियों की बैठक के मद्देनजर आयोजित की गई।

राजभवन में कुलपतियों की गत बैठक 30 जून को हुई थी। उस बैठक में कुछ निर्णय लिए गए थे और कुछ कार्य करने का निर्देश दिया गया था। उसकी रिपोर्ट के संबंध में सभी अधिकारियों की बैठक बुलाई गई थी। ज्ञातव्य हो कि कुलपति सबको साथ लेकर विचार-विमर्श कर तैयारी के साथ अपने विश्वविद्यालय का पक्ष रखते हैं जिस कारण राजभवन में भी विश्वविद्यालय की छवि अच्छी है। कई मामलों में विश्वविद्यालय के कार्यो को काफी सराहा गया है। बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने किये जा रहे कार्यों के संबंध में अपना- अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। सर्वप्रथम लंबित परीक्षाओं के संचालन पर विचार किया गया और सत्र नियमितीकरण की दिशा में कार्य करने का निर्देश दिया गया। स्नातक स्तर, स्नातकोत्तार की परीक्षा सहित स्ववित्तपोषित कोर्सेज की परीक्षा कराने पर चर्चा हुई।

2917-19 सत्र की परीक्षाओं से सत्र नियमित हो जाने की संभावना है। बीएड महाविद्यालय को पोस्ट बीएड एप के माध्यम से तस्वीर पोस्ट करना है। महाविद्यालय निरीक्षक को कहा गया कि वे सुनिश्चित करें कि इसका अनुपालन सही रूप से हो रहा है। पेंशन अदालत प्रत्येक माह में लगाई जा रही है। जुलाई 18 में कुल 23 मामले आये थे जिनमें 21 मामलों का निपटारा कर दिया गया। अगस्त में 29 मामले आए थे जिनमें सभी का निपटारा कर दिया गया। सितंबर में शिक्षक दिवस के कारण अदालत नहीं हो सकी। अब पांच अक्टूबर को पेंशन अदालत होनी है। अंगीभूत महाविद्यालय 43 हैं जिनमें 29 महाविद्यालयों का नैक से मूल्यांकन हो चुका है जो बिहार में सबसे ज्यादा है। सम्बद्ध महाविद्यालयों में पांच का मूल्यांकन और बीएड महाविद्यालय में तीन का मूल्यांकन किया गया है। इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए विश्वविद्यालय स्तर पर चार प्रस्ताव भेजे गए हैं। 21 महाविद्यालय से प्रस्ताव आये हैं जिसपर विचार किया जाना है। प्लान्टेशन का कार्य लगातार किया जा रहा है। महाविद्यालय भी प्लान्टेशन का कार्य करवा रहा है। जिला वन पदाधिकारी को इस संबंध में पत्र दिया गया है। गेस्ट टीचर की बहाली की प्रक्रिया शुरू की गई है। इस दिशा में कार्य किया जा रहा है।

यूनिर्विसटी मैनजमेंट इन्फॉर्मेशन सिस्टम 15 दिसंबर तक चालू करने की योज़ना है। इसके लिए कमेटी बनाई गई है। सैलरी का भुगतान किया जा रहा है और उम्मीद है सबों की सैलरी नियमित रूप से मिला करेगी। ग्रीवांस रिड्रेसल सेल का गठन कर बैठक की जा रही है। नौ छात्रों का, 23 शिक्षकों का व एक अन्य मामले आए थे जिसपर कार्य किया गया है। कोर्ट केस को कम करने की दिशा में लगातार कार्य किया जा रहा है। शिक्षकों एवं कर्मचारियों के पद का सृजन भी आवश्यकता के अनुसार करने का कार्य भी किया जा रहा है। आधार से लिंक्ड आरटीजीएस के माध्यम से भुगतान की प्रक्रिया शुरू की गई है। वॉशरूम बनाने का आदेश प्राप्त हुआ है। ये कार्य बिहार एजुकेशन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेन्ट को करना है। जल्द ये काम प्रारंभ होने की संभावना है। बायोमीट्रिक अटेंडेंस बनवाया जा रहा है। रूसा से प्राप्त राशि का उपयोगिता प्रमाणपत्र भेजने की प्रक्रिया की गई है। वेतन सत्यापन हेतु आवेदन भेज गया है जो पूर्णत: प्राप्त नहीं हुआ है।

कुलपति 2016-18 के छात्रों की परीक्षा जल्द करवाकर सत्र नियमित करना चाहते हैं। फरवरी या मार्च 19 में कन्वोकेशन करवाना चाहते हैं। कुलपति के दिशा-निर्देशन में प्रति कुलपति, कुलसचिव सहित सभी पदाधिकारी विश्वविद्यालय को अव्वल बनाने की दिशा में लगातार कार्य कर रहे हैं। विश्वविद्यालय के पीआरओ डॉ. एनके अग्रवाल ने बताया कि कुलपति की योजना यदि फलीभूत हुई तो मिथिला विश्वविद्यालय बिहार के एक अच्छे विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित हो सकेगा। अभी भी यह कई मामलों में आगे है।

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