आंदोलन के मूड में अतिथि शिक्षक
दरभंगा संस्कृत विवि के अतिथि शिक्षकों का अनुबंध मई में समाप्त हो गया था। नए सत्र की शुरुआत के बावजूद, उनका सेवा नवीनीकरण नहीं हुआ है। अतिथि शिक्षकों ने विवि प्रशासन के रवैये के खिलाफ आंदोलन की योजना...

दरभंगा। कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि में कार्यरत अतिथि शिक्षक अब आंदोलन का मूड बना रहे हैं। उनकी 11 माह की सेवा का अनुबंध मई में ही समाप्त हो चुका है। उसके बाद एक माह ग्रीष्मावकाश के कारण कक्षाएं स्थगित रहीं। 10 जुलाई से नए सत्र का वर्गारंभ हो चुका है, लेकिन अतिथि शिक्षक सेवा नवीनीकरण के लिए विवि मुख्यालय का चक्कर काट रहे हैं। सेवा नवीनीकरण को लेकर विवि प्रशासन के रवैये से असंतुष्ट अतिथि शिक्षकों ने रविवार को विवि परिसर में बैठक की और आगे की रणनीति पर विमर्श किया। बैठक में बताया गया कि विवि प्रशासन की ओर से 14 जुलाई को सेवा नवीनीकरण का आश्वासन मिला है।
निर्णय लिया गया कि यदि आश्वासन पूरा नहीं होता है तो सभी अतिथि शिक्षक विवि परिसर में कुलपति और कुलसचिव का घेराव करेंगे और सेवा नवीनीकरण होने तक आमरण अनशन पर रहेंगे। अतिथि शिक्षकों ने बताया कि गत वर्ष शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए चार मार्च 2024 से 11 माह के लिए (ग्रीष्मावकाश छोड़कर) सेवा नवीनीकरण किया गया था। आदेश के अनुसार अतिथि शिक्षकों की 11 माह की सेवा तीन मार्च को पूरी हो रही थी। उस समय कॉलेजों में छात्रों का अध्ययन एवं परीक्षा कार्य जारी था। ऐसे में 28 फरवरी को कॉलेजों में सुचारू ढंग से शैक्षणिक व्यवस्था के लिए अतिथि शिक्षकों की सेवा नवीनीकरण का विस्तार 20 मई तक के लिए कर दिया गया। 21 मई से 21 जून तक विवि में ग्रीष्मावकाश घोषित था। सेवा समाप्त होने के साथ ही अतिथि शिक्षकों की ओर से सेवा नवीनीकरण का प्रार्थना पत्र विवि प्रशासन को दिया गया, लेकिन अब तक सेवा नवीनीकरण का आदेश जारी नहीं किया गया है। अतिथि शिक्षकों ने बताया कि इस दौरान वे कई बार विवि के कुलपति एवं कुलसचिव के समक्ष गुहार लगा चुके हैं। सेवा नवीनीकरण नहीं होने और अंतिम तीन महीने का वेतन भी अब तक नहीं मिलने के कारण अतिथि शिक्षक घोर आर्थिक व मानसिक परेशानियों से जूझ रहे हैं। अतिथि शिक्षकों का कार्य संपादन संबंधी प्रतिवेदन विवि प्रशासन को प्राप्त हो चुका है, लेकिन विवि से सेवा नवीनीकरण का आदेश जारी नहीं होने के कारण अब कई कॉलेजों ने अतिथि शिक्षकों को हाजिरी बनाने पर रोक लगा दी है। अतिथि शिक्षकों ने कहा कि अब उनके पास आंदोलन के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है। बैठक में मुकेश प्रसाद निराला, डॉ. अभय शंकर, आलोक कुमार सिंह, राजेश कुमार, नितेश मिश्रा, प्रियंका तिवारी, माया कुमारी, सरिता कुमारी, प्रशांत कुमार प्रसून, सुभाष कुमार आदि उपस्थित थे। बता दें कि गत वर्ष विभिन्न विषयों में कुल 60 अतिथि शिक्षकों का सेवा नवीनीकरण किया गया था। इनमें साहित्य के आठ, व्याकरण के 13, ज्योतिष के छह, वेद के चार, दर्शन के छह, संस्कृत (एमए) के चार, अंग्रेजी के तीन, हिंदी के पांच, मैथिली के दो, इतिहास के एक, राजनीति शास्त्र के पांच एवं समाजशास्त्र के तीन अतिथि शिक्षक शामिल हैं। अतिथि शिक्षकों ने बताया कि वर्तमान में 58 का सेवा नवीनीकरण होना है। गौरतलब है कि बगल के ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में अतिथि शिक्षकों का सेवा नवीनीकरण चार जुलाई को कर दिया गया है।

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