कोरोना कल्प चूर्ण का हो रहा मुफ्त वितरण
दरभंगा। निज प्रतिनिधि राजकीय महारानी रमेश्वरी भारतीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान के दरभंगा राज परिसर...
दरभंगा। निज प्रतिनिधि
राजकीय महारानी रमेश्वरी भारतीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान के दरभंगा राज परिसर स्थित राजकीय महाराजाधिराज कामेश्वर सिंह आयुर्वेदिक अस्पताल में कोरोना कल्प चूर्ण का मुफ्त वितरण किया जा रहा है। शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों के लोग इसका लाभ उठाकर बीमारियों से बच रहे हैं। संस्थान के प्राचार्य डॉ. राजेश्वर दूबे का दावा है कि कोरोना कल्प चूर्ण के उपयोग से लोग अपने आपका बचाव कोरोना से कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि विभिन्न जड़ी-बूटियों के सम्मिश्रण से अस्पताल के चिकित्सकों ने इस कोरोना कल्प चूर्ण का निर्माण किया है जो लोगों के शरीर में कई प्रकार की सामयिक बीमारियों से लड़ने के लिए प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। यह दवा कोरोना के लक्षणों जैसे कफ, खांसी, बदन दर्द आदि को कम से कम समय में समाप्त कर देती है। उपयोग कर रहे लोगों से इसकी पुष्टि भी हो रही है। डॉ. दूबे ने बताया कि हम निराशा, दुख, शोक, क्रोध, चिंता, ईश्र्या, आलोचना अपमान आदि मानव शरीरस्थ अग्नि को तेज कर ज्वर तथा कफ को बढ़ाते हुए श्वसन संस्थानीय क्रियाकलापों को मंद कर देते हैं और अंतत: मानव जीवन लीला को ही समाप्त कर लेते हैं। इसके विपरीत दीर्घ जिजीविषिका, संतोष, विश्वास, मन की प्रसन्नता, प्रशंसा सम्मान तथा इच्छाशक्ति के साथ शास्त्रसम्मत विविध उपायों का सेवन करते रहने से निश्चय ही कोरोना जैसी महामारी को भगाया जा सकता है। हम सभी अपने स्वास्थ्य की रक्षा कर समाज, राज्य और देश को इस विकराल परिस्थिति से निपटने में सहायक हो सकते हैं। डॉ. दूबे ने कोरोना वारियर्स की सराहना करते हुए उनसे सीख लेने का अनुरोध लोगों से किया। उन्होंने कहा कि दृढ़ इच्छाशक्ति, सकारात्मक सोच, प्रबल परोपकार की भावना के साथ व्यवसाय के प्रति समर्पण ही उनके लिए एकमात्र संबल बना हुआ है। दूसरों के दुखों को दूर करने के लिए अपने दुखों को भूलने वाले ये कोरोना वारियर्स किसी देवदूत से कम नहीं हैं। इनसे सीख लेते हुए सामान्य जनों को स्वास्थ्यरक्षक एवं स्वहितकारी आयाम जैसे मास्क लगाना, परस्पर दूरी बनाए रखना, सदा गर्म पानी, गर्म आहार, हरी सब्जियों, दूध-हल्दी, नींबू, आंवला, अदरक आदि का सेवन करते रहना चाहिए। व्यायाम प्राणायाम का नियत समय पर नियमित रूप से अभ्यास करते रहना चाहिए। कफ तथा ज्वर कोरोना के प्रमुख लक्षणों में से है। इसकी उत्पत्ति के कारणों का शरीर में प्रवेश ही नहीं हो, इसके लिए प्रतिरोधक, जवर कफनाशक कल्पों का चिकत्सकीय परामर्श से उपयोग करना चाहिए।