सरफराज हत्याकांड: जांच के लिए अलीनगर पहुंची फॉरेंसिक टीम
अलीनगर थाना क्षेत्र के बहुर्चिचत सरफराज हत्याकांड की सच्चाई का पता लगाने के लिए सोमवार सुबह पटना से फॉरेंसिक जांच के लिए दो अलग-अलग विभागों के विशेषज्ञों ने पहुंचकर पूरी घटना का जायजा लिया। इस बाबत...
अलीनगर थाना क्षेत्र के बहुर्चिचत सरफराज हत्याकांड की सच्चाई का पता लगाने के लिए सोमवार सुबह पटना से फॉरेंसिक जांच के लिए दो अलग-अलग विभागों के विशेषज्ञों ने पहुंचकर पूरी घटना का जायजा लिया। इस बाबत थाने में रखी दुर्घटनाग्रस्त बाइक के विभिन्न अंगों की फोटोग्राफी के साथ उस पर पड़े हाथों के निशानों के नमूने इकट्ठा किये गये। इसके बाद अधिकारियों ने थानाध्यक्ष के साथ सीधे घटनास्थल पर पहुंचकर फोटोग्राफी करते हुए मुआयना भी किया। मौके पर मृतक के परिजन भी मौजूद थे।
बाद में मृतक के परिजनों के समक्ष ही संदेह के आधार पर गिरफ्तार पांच विभिन्न लोगों के दोनों हाथों की अंगुलियों के निशान भी लिये ताकि गाड़ी पर उभरने वाले निशानों से उसका मिलान किया जा सके। इसके बाद नामजद अभियुक्तों में से दो के क्षेत्र से बाहर होने के कारण उनका निशान नहीं लिया जा सका। फॉरेंसिक टीम में पटना के फिंगरप्रिंट विशेषज्ञ योगेन्द्र प्रसाद और फोटो ब्यूरो स्पेशलिस्ट दिनेश कुमार सिंह थे। उन्होंने जांच रिपोर्ट एक सप्ताह में दिए जाने की बात बतायी।
उल्लेखनीय है कि गत 31 दिसंबर की अहले सुबह पकड़ी निवासी सरफराज की टांग कटी लाश ने क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया। पुलिस प्रशासन के लिए भी यह मामला नए साल के लिए बड़ी चुनौती दे गया। क्योंकि इस घटना को लेकर आम लोगों से लेकर मृतक के परिजनों ने हत्या का मामला बताकर पुलिस प्रशासन को निकम्मा करार देते हुए पत्थरबाजी की एवं कई घंटों तक सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन किया था। इस मामले में लोगों के आक्रोश का शिकार मृतक के ससुर के अलावा दो पुलिसकर्मी भी हुए थे। लोगों की नजरों में पुलिस प्रशासन से उठ रहे विश्वास को बचाने के लिए स्थानीय से लेकर जिला पुलिस कप्तान तक ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। यही कारण है कि मृतक के शरीर के खून के अलावा लाश के बगल में जमीन पर मौजूद खून की जांच भी करवायी जा रही है। हालांकि क्षेत्र में अब भी लोगों के बीच कहीं हत्या करने की तो कहीं केवल दुर्घटना में हुई मौत की चर्चा है। लेकिन सच्चाई पुलिस की जांच के बाद ही सामने आ पाएगी।
इस संबंध में एसडीपीओ उमेश्वर चौधरी शुरू से ही कहते रहे हैं कि इस मामले में सच सबके सामने आएगा। इधर, मौके पर पहुंचे एसडीपीओ उमेश्वर चौधरी ने बताया कि अब तक की जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट दुर्घटना से मौत की ओर इशारा कर रही है, जो संदिग्ध है। लेकिन फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट और खून के सेम्पल की रिपोर्ट आने के बाद ही घटना की पूर्ण सच्चाई से पर्दा हटेगा।