तटबंध टूटने से नए इलाकों में घुस रहा बाढ़ का पानी
बिरौल में कोसी तटबंध टूटने के तीसरे दिन भी बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। जलस्तर में कमी आई है, जिससे कुछ राहत मिली है। लेकिन कई गांवों में पानी घुसने से शिक्षण व्यवस्था ठप हो गई है और मवेशियों के...
बिरौल। कोसी तटबंध टूटने के तीसरे दिन भी क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति विकराल बनी रही। लोग बाढ़ के पानी से घिरे रहे। हालांकि तीसरे दिन जलस्तर में कमी आने से लोगों ने राहत की सांस ली है। इधर, सोमवार की रात में सहरसा के गोबराही गांव के पास कमला बलान पूर्वी तटबंध के टूट जाने से नए इलाके में पानी प्रवेश कर गया है। कमला बलान क्षेत्र में पानी के प्रवेश करते ही कोसी क्षेत्र में पानी का स्तर घट गया है जिससे लोगों ने राहत की सांस ली है। क्षेत्र के कई विद्यालयों में पानी घुस जाने से शिक्षण व्यवस्था पूरी तरह ठप हो गई है। कई गांवों का सड़क संपर्क भंग हो गया है, जिससे आवागमन बाधित है। खैंसा, चतरा, रही टोल, ढंगा व पुनाछ सहित दर्जनों गांवों की स्थिति भयावह बनी हुई है। कई ग्रामीण मवेशी को छोड़कर ऊंचे स्थान पर चले
गए हैं।
बाढ़ में फंसे मवेशियों की स्थिति दयनीय बनी हुई है। बाढ़ प्रभावित गांवों में मवेशीपालकों को चारा के संकट का सामना करना पड़ रहा है। मवेशी के साथ विस्थापित बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि भूसा या अन्य चारा डूब जाने से उनकी परेशानी बढ़ गयी है।
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